उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालCoronavirus in hilly areas of Uttarakhand

पहाड़ में बुरी तरह फैला कोरोना, उत्तराखंड में अब हर चौथा मामला पहाड़ों से..पढ़िए पूरी रिपोर्ट

राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के बीच में अब हर चौथा मामला उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से सामने आ रहा है जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता को भी बढ़ा दिया है। पर्वतीय जिलों में हालात दिन-प्रतिदिन बेकाबू होते जा रहे हैं-

Coronavirus in uttarakhand: Coronavirus in hilly areas of Uttarakhand
Image: Coronavirus in hilly areas of Uttarakhand (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड में कोरोना हाहाकार मचा रहा है। दूसरी लहर ने ही कोरोना ने उत्तराखंड में बुरा हाल कर दिया है। ऐसे में तीसरी लहर जब दस्तक देगी उस समय की परिस्थितियों का अंदाजा भी हम सब नहीं लगा सकते। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि अब मैदानों से निकलकर यह वायरस तेजी से पहाड़ों पर भी चढ़ रहा है। जी हां, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लगातार इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं जो कि एक खतरे का संकेत है और अगर राज्य सरकार ने इस ओर जरूरी कदम नहीं उठाए तो उत्तराखंड में त्रासदी मच सकती है। कारण है गांव में उचित स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना। लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं और उचित उपचार न मिलने के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। गांव के गांव इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। लोगों के पास इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद नहीं हैं जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड में हालात कुछ इस कदर उत्पन्न हो गए हैं कि राज्य में अब हर चौथा मामला पहाड़ी जिले से सामने आ रहा है। इसका मतलब है कि 4 में से एक संक्रमित मरीज उत्तराखंड के गांव से मिल रहा है जो कि एक चिंताजनक विषय है और इस पर सरकार को जल्द से जल्द एक्शन लेने की जरूरत है। आपको बता दें कि पहाड़ों में कोरोना के कारण मरने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है और उसमें सरकार का कुप्रबंधन, लापरवाही और पहाड़ी जिलों में जांच की धीमी गति को जिम्मेदार माना जा रहा है.

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आंकड़ों की बात करें तो उत्तराखंड में 1 मई से लेकर 19 मई तक कोरोना से मरने वालों में 19% मरीज पर्वतीय जिलों के ही हैं। बता दें कि 1 मई से लेकर 10 मई तक राज्य के 9 पर्वतीय जिलों में तकरीबन 20 हजार लोग संक्रमित पाए गए। यह राज्य के कुल मामलों का 27.6% है और इस हिसाब से राज्य में अब हर चौथा मामला उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से ही सामने आ रहा है। उत्तराखंड में टेस्टिंग में भी लगातार लापरवाही बरती जा रही है। पहाड़ों पर विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते भी जांच के ऊपर काफी असर पड़ रहा है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग की टीम चाह कर भी एक दिन में एक ही गांव के अंदर जांच कर पाती है ऐसे में जरूरत है कि उत्तराखंड की सरकार जांच करने की टीमों में बढ़ोतरी करे और गांव में जरूरी संसाधन भी बढ़ाने की सख्त जरूरत है। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग में कई पद ऐसे हैं जो अब भी खाली चल रहे हैं जिस कारण स्वास्थ्य विभाग की क्षमता पर भी भारी असर पड़ा है। उत्तराखंड में अबतक 310469 मरीज संक्रमित पाए जा चुके हैं जिनमें से 241430 मरीज स्वस्थ हो गए हैं और अब राज्य में 57929 एक्टिव केस मौजूद हैं। राज्य में अबतक 5734 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।