उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand teacher Pankaj Sakalani dies of coronavirus

उत्तराखंड: कोरोनावायरस से हुई थी पिता की मौत..13वीं के दिन शिक्षक बेटे ने भी दम तोड़ा

कोरोना से जूझते हुए पिता की तेरहवीं के दिन उन्होंने भी जिंदगी से मुंह मोड़ लिया जिसके बाद शिक्षा विभाग में शोक की लहर छा गई है।

Coronavirus in uttarakhand: Uttarakhand teacher Pankaj Sakalani dies of coronavirus
Image: Uttarakhand teacher Pankaj Sakalani dies of coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना हाहाकार मचा रहा है। दूसरी लहर अबतक कई लोगों की जान चुकी है। उत्तराखंड के शिक्षकों के ऊपर यह वायरस कहर बरसा रहा है। राज्य के कई शिक्षक भी इस वायरस की चपेट में आ गए हैं और कई शिक्षकों की जान इस महामारी के चलते चली गई है। इसी बीच एक दुखद खबर देहरादून जिले से सामने आ रही है जहां पर एक परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। देहरादून में पिता की तेहरवीं के दिन ही एक शिक्षक ने दम तोड़ दिया। जी हां, जिस दिन उनके पिता की तेहरवीं हुई ठीक उसी दिन कोरोना से जूझ रहे शिक्षक की भी मृत्यु हो गई जिसके बाद से उनके परिवार में हड़कंप मचा हुआ है। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि पिता के बाद महज 13 दिन में पुत्र की अर्थी भी घर से उठेगी। कोरोना के खिलाफ जंग हारने वाले शिक्षक की पहचान 43 वर्षीय पंकज सकलानी के रूप में हुई है जो कि मूल रूप से डोईवाला के रहने वाले थे। पंकज सकलानी 43 वर्ष की आयु में चकराता में अपनी सेवाएं दे रहे थे। आगे पढ़िए

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कोरोना की चपेट में आने के बाद 5 मई को पंकज सकलानी एवं उनके पिता धर्मानंद सकलानी को देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 मई को पंकज सकलानी के पिता का निधन हुआ था जिसके बाद से ही परिवार के सभी सदस्य शोक में डूबे हुए थे। वहीं शिक्षक पंकज सकलानी खुद इस वायरस से जूझ रहे थे। 22 मई को उनके पिता की तेहरवीं थी जिस दिन पंकज सकलानी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और कोरोनेशन अस्पताल से उनको हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान वे कोरोना के खिलाफ जंग हार गए और उन्होंने प्राण त्याग दिए। घर में दो सदस्यों की मृत्यु के बाद से ही परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। पंकज के पार्थिव शरीर का ऋषिकेश के संपूर्णानंद घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शिक्षक पंकज सकलानी की मृत्यु के बाद से ही शिक्षा विभाग में शोक की लहर छा गई है।