उत्तराखंड पिथौरागढ़SDRF jawans rushed elderly to hospital in Pithoragarh

उत्तराखंड: 82 साल के बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ी, जवानों ने 7 Km पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

पिथौरागढ़ में 82 वर्षीय कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की तबीयत खराब होने के बाद उनको 7 किलोमीटर पैदल चल कर अस्पताल पहुंचाने वाले एसडीआरएफ के जवानों ने इंसानियत की जीवंत मिसाल पेश की है।

Pithoragarh News: SDRF jawans rushed elderly to hospital in Pithoragarh
Image: SDRF jawans rushed elderly to hospital in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: कोरोना संक्रमण पूरे प्रदेश में कोहराम मचा रहा है और अब यह शहरों से निकलकर गांवों की तरफ बढ़ रहा है। उत्तराखंड में लगातार ग्रामीण क्षेत्र इस वायरस की जद में आ रहे हैं। आए दिन राज्य में सैकड़ों ग्रामीण पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है जिसका खामियाजा वहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। तबीयत खराब हो जाने के बाद अस्पताल जाने का कोई भी जरिया ग्रामीणों के पास मौजूद नहीं है जिस कारण गांव में लोग लगातार इस वायरस के कारण अपना दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में एसडीआरएफ की टीम लगातार गांव में कोराना संक्रमितों की मदद कर रही है। एसडीआरएफ के जवान कोरोना काल की शुरुआत से ही लोगों की मदद के लिए तत्पर हैं और अब तक कई जानें बचा चुके हैं। चाहे वो किसी को अस्पताल पहुंचाना हो या किसी के घर पर राशन या अन्य जरूरी सामान भिजवाना हो एनडीआरएफ के जवान दिन-रात ड्यूटी कर लोगों की मदद कर रहे हैं। पिथौरागढ़ में भी एसडीआरएफ की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार संक्रमितों की मदद कर रही है और दिन-रात ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रही है। पिथौरागढ़ में एक 82 वर्षीय संक्रमित बुजुर्ग को सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर एसडीआरएफ के जवानों ने इंसानियत की जीवंत मिसाल पेश की है।

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जवानों ने 7 किलोमीटर पैदल चलकर बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया और उनकी जान बचाई। इसमें एसडीआरएफ की टीम को 3 घंटे का समय लगा मगर टीम ने हार नहीं मानी और बिना रुके बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया। पहाड़ों पर रास्ता बेहद दुर्गम था मगर उसके बावजूद भी बिना रुके और बिना एसडीआरएफ के मेहनती और कर्मठ जवानों ने सात किलोमीटर का रास्ता तय कर बुजुर्ग को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। लिलम क्षेत्र में स्थित पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ गांव बुई के अंदर हाल ही में कोरोना संक्रमण के चलते एक बुजुर्ग की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। बुजुर्गों को कोई भी अस्पताल पहुंचाने वाला मौजूद नहीं था जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम 7 किलोमीटर पैदल चलकर बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया और बुजुर्ग की जान बचाई। दरअसल बुजुर्ग अपनी झोपड़ी में अकेले रहते थे और परिजन नहीं होने के चलते कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। गांव के लोगों ने कोरोना के भय के चलते बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाने से साफ इनकार कर दिया। गांव वालों का कहना था कि उनके पास पीपीई किट नहीं है जिस कारण वे बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार नहीं हुए। उसके बाद गंभीर हालत में बुजुर्गों को एसडीआरएफ के जवानों ने 7 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया और इंसानियत की जीती-जागती मिसाल पेश की।

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चलिए आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं। बुई गांव के रहने वाले 82 वर्षीय गोपाल सिंह हाल ही में कोरोना की चपेट में आ गए थे जिसके बाद उनको होम आइसोलेट कर दिया गया। बता दें कि गोपाल सिंह अपनी झोपड़ी में अकेले रहते थे। ऐसे में उनकी देख-रेख करने के लिए उनके घर पर कोई भी नहीं था। हाल ही में उनका स्वास्थ्य ज्यादा खराब हो गया और उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी। ग्रामीणों ने संक्रमण के चलते उनको अस्पताल लेकर जाने से साफ इंकार कर दिया जिसके बाद जिला पंचायत सदस्य ने एसडीआरएफ की टीम को संपर्क साधा और एसडीएम मुनस्यारी अभय प्रताप ने एसडीआरएफ टीम को बुई के लिए रवाना किया। एसडीआरएफ के जवानों ने लिलम क्षेत्र में मौजूद मुख्य सड़क से 7 किलोमीटर दूर बुई गांव पहुंचकर बुजुर्ग को स्ट्रेचर पर लाद कर 7 किलोमीटर पैदल चल कर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जहां से उनको अस्पताल पहुंचाया गया। टीम को बुजुर्गों को अस्पताल तक लाने में 3 घंटे का समय लग गया मगर जवानों ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और उन्होंने सही समय पर बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचा कर उनकी जान बचाई और समाज में इंसानियत का उदाहरण पेश किया। एसडीआरएफ की टीम के इस नेक काम की हर कोई सराहना कर रहा है।