उत्तराखंड देहरादून400 patients of black fungus in uttarakhand

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस ने पसारे पैर, अब तक 400 लोग पॉजिटिव..63 लोगों की मौत

सोमवार को उत्तराखंड के देहरादून जिले में 10 मरीजों के अंदर इस फंगस की पुष्टि हुई जबकि 3 मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

uttarakhand black fungus: 400 patients of black fungus in uttarakhand
Image: 400 patients of black fungus in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में कोरोना की रफ्तार तो कम हुई है मगर ब्लैक फंगस की रफ्तार उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है। राज्य में ब्लैक फंगस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं और ब्लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा अब 400 तक पहुंच गया है जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताओं को भी बढ़ा कर रख दिया है। बीते सोमवार को उत्तराखंड के देहरादून जिले में 10 मरीजों के अंदर इस फंगस की पुष्टि हुई जबकि 3 मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार बीते सोमवार को देहरादून जिले में एम्स ऋषिकेश के अंदर 8, मैक्स हॉस्पिटल और श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के अंदर एक-एक मरीज मिले हैं। कल मैक्स अस्पताल में 2 मरीजों ने दम तोड़ दिया और महंत इंद्रेश अस्पताल में एक मरीज की फंगस के चलते मृत्यु हो गई है। पूरे प्रदेश में अब तक 63 मरीज इस फंगस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। प्रदेश में अब तक 42 मरीज इस फंगस से जिंदगी की जंग जीत चुके हैं जबकि 400 लोग इस ब्लैक फंगस का शिकार बन चुके हैं। वहीं देहरादून जिले की बात करें तो जिले में भर्ती म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों को फिलहाल राहत मिली हुई है। फंगस के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से 2 दिन पहले इंफोटेरिसिन बी लाइपोसोमल के 650 से भी अधिक इंजेक्शन भेजे गए हैं। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: बिना मास्क पहने घूम रहे थे BJP विधायक, पुलिस से की बदतमीजी..देखिए वीडियो
ऐसे में फिलहाल यहां के मरीजों को थोड़ी राहत मिली हुई है। दरसअल म्युकरमाइकोसिस अगर शुरुआती स्टेज में पकड़ लिया जाए और सही इंजेक्शन दिया जाए तो मरीज बच जाता है। अब समस्या यह आ रही थी कि इंफोटेरिसिन बी लाइपोसोमल इंजेक्शन ना मिलने के कारण मरीजों को सस्ते वाले इंजेक्शन लगाए जा रहे थे और इन इंजेक्शन से डायबिटिक और अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों को दिक्कत हो रही थी। यह सस्ते वाले इंजेक्शन लगाने से किडनी में साइड इफेक्ट और शरीर में अन्य तरीके के रोग उत्पन्न हो रहे थे जिसके बाद अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग से इंफोटेरिसिन बी लाइपोसोमल इंजेक्शन की मांग की और आखिरकार अस्पतालों को यह इंजेक्शन भेज दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनूप कुमार डिमरी ने बताया कि सभी मरीजों को महंगे वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ रही है मगर अस्पतालों को उपलब्धता और जरूरत के हिसाब से इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं।