उत्तराखंड रुद्रप्रयागChanchal returned home after 5 years of Kedarnath disaster

केदार त्रासदी: जब आपदा के 5 साल बाद घर लौटी पोती, रो पड़े दादा-दादी..लोग बोले- चमत्कार

केदारनाथ आपदा के बाद उस परिवार की उम्मीदें टूट चुकी थीं। लेकिन जब 5 साल बाद बेटी घर वापस लौटी तो हर किसी के लिए ये चमत्कार से कम नहीं था।

Kedarnath disaster 8 years: Chanchal returned home after 5 years of Kedarnath disaster
Image: Chanchal returned home after 5 years of Kedarnath disaster (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा को 8 साल हो गए हैं और ये जख्म सालों बाद भी भरे नहीं हैं। आपदा के दौरान हजारों लोग मौत की नींद सो गए तो वहीं कई लापता लोगों के परिजन अब भी उनके आने की बाट जोह रहे हैं। केदार आपदा के बाद किसी की उम्मीदें टूटीं, तो किसी ने अपनों का इंतजार करना ही बंद कर दिया। ना जाने कितने लोग काल के गाल में समा गए थे। कोई वापस नहीं लौटा, तो कोई बड़ी मुश्किल से घरवालों को मिला। ऐसी ही कहानी चंचल की भी है जो केदार आपदा के बाद से लापता लोगों में शामिल थी, लेकिन अब उसे अपना परिवार मिल गया है। बच्ची के परिजन उसे मरा हुआ मान चुके थे, लेकिन जब चंचल उनकी आंखो के सामने आ खड़ी हुई, तो उनकी आंखे खुशी से डबडबा उठीं। खोई हुई चंचल का आपदा से बचकर लौट आना उसके परिजनों के लिए शिव के चमत्कार से कम नहीं है। आगे पढ़िए

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पांच साल बाद आखिरकार चंचल अपने परिवार वालों को मिल गई। 24 दिसंबर साल 2018 को जब दादी ने पोती को देखा तो उनकी आंखें डबडबा आईं। इस त्रासदी में बच्ची के पिता समेत परिवार के अन्य सदस्य लापता हो गए थे। बच्ची जम्मू में बाल कल्याण समिति आश्रम में रह रही थी। अलीगढ़ चाइल्ड लाइन ने बच्ची को दादी को सौंपा। अलीगढ़ के थाना बन्ना देवी स्थित लोहिया नगर के मूल निवासी राजेश पुत्र हरिश्चंद्र परिवार के साथ गाजियाबाद रह रहे थे। 2013 में राजेश पत्नी सीमा तीन बच्चों चंचल, दुर्गेश व शिवानी के साथ केदारनाथ गए थे, इसी दौरान केदारनाथ में आई आपदा में पूरा परिवार बिछड़ गया। राजेश का आपदा के बाद कोई पता नहीं चला, साथ ही पत्नी सीमा, बच्चे दुर्गेश, शिवानी और चंचल भी बिछड़ गए।

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मानसिक रूप से दिव्यांग और आंशिक दृष्टिबाधित चंचल परिवार से बिछड़ने के बाद जम्मू में दिव्यांग बालिकाओं के लिए चलने वाले शेल्टर होम पहुंच गई और वहीं रह रही थी। बाल कल्याण समिति जम्मू की अध्यक्ष शालिनी शर्मा से बातचीत के दौरान चंचल ने अलीगढ़ में रहने वाले परिजनों के बारे में बताया। शालिनी शर्मा ने डेढ़ माह पूर्व शहर विधायक संजीव राजा से संपर्क किया। शहर विधायक ने उड़ान सोसाइटी की ओर से संचालित अलीगढ़ चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा से बालिका के परिजनों का पता लगाने को कहा। बालिका के दादा हरिशचंद को बन्ना देवी पुलिस के माध्यम से खोजा गया। परिजनों की सहमति के उपरांत बालिका को दादी शकुंतला के सुपुर्द कर दिया गया। लोगों ने इसे चमत्कार कहा तो दादा दादी ने इसे भगवान का आशीर्वाद कहा।