उत्तराखंड देहरादूनTrivendra and Tirath Face to face on fake corona report in Kumb

उत्तराखंड: अब आमने-सामने हुए TSR और TSR, कुंभ वाले फर्जीवाड़े पर ठनी रार

कोविड जांच फर्जीवाड़े को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि यह मामला उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले का है, अब मुख्यमंत्री के इस बयान पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिक्रिया आई है।

Tirath Singh Rawat Vs Trivendra Singh Rawat: Trivendra and Tirath Face to face on fake corona report in Kumb
Image: Trivendra and Tirath Face to face on fake corona report in Kumb (Source: Social Media)

देहरादून: हरिद्वार महाकुंभ। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक। कुंभ को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार ने अप्रैल से लेकर मई तक यहां बड़े पैमाने पर कोविड टेस्ट का इंतजाम किया था। नौ फर्मों को कोविड जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यहां कोविड जांच में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। एक लाख से ज्यादा जांचें संदेह के घेरे में है। मामला बेहद गंभीर है, विपक्षी दल इसे लेकर राज्य सरकार को घेरे हुए हैं तो वहीं फर्जीवाड़े को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आमने-सामने आ गए हैं। दोनों के बयान अलग हैं। कोविड जांच फर्जीवाड़े को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि यह मामला उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले का है। अब उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि घोटला कब हुआ, ये जांच में साफ पता चल जाएगा। त्रिवेंद्र ने कहा कि कुंभ मेले की अधिसूचना हमारे समय में जारी हुई थी, जो पहली अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए थी। यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: कुंभ के दौरान कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा, 1 लाख टेस्ट संदेह के घेरे में..जानिए मामला

ये भी पढ़ें:

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि मामले की न्यायिक जांच कराएं। जनता के सामने यह भी आना चाहिए कि यह किस दौरान का मामला है। कोविड जांच में फर्जीवाड़ा सरासर हत्या के प्रयास का मामला है। मुझे ऐसा ध्यान है कि कोर्ट ने राज्य सरकार को जांच के निर्देश दिए थे। इसमें टेंडर हमारे समय में नहीं हुआ, अगर टेंडर हुआ होगा तो मेला प्रबंधन के द्वारा हुआ होगा। इससे पहले गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि ये मामला पुराना है। मैं मार्च में आया हूं। मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। इस तरह सीएम और पूर्व सीएम के बयान एकदम जुदा है। बहरहाल, प्रदेश की बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बयानों की सियासी हलकों में खूब चर्चा है।