उत्तराखंड चमोलीRopeway for Char Dham in Uttarakhand

उत्तराखंड: अब रोपवे से होंगे बदरी,केदार,गंगोत्री,यमुनोत्री के दर्शन..जानिए प्रोजक्ट की खास बातें

प्रदेश में चारधाम ऑलवेदर रोड का काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का कार्य प्रगति पर है। अब रेलवे विकास निगम ने चारधाम को रोपवे से जोड़ने का प्लान बनाया है।

Ropeway Kedarnath: Ropeway for Char Dham in Uttarakhand
Image: Ropeway for Char Dham in Uttarakhand (Source: Social Media)

चमोली: चारधाम यात्रा। उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार। कोरोना के चलते पिछले साल की तरह इस साल भी चारधाम यात्रा बाधित है। श्रद्धालु चारधाम के दर्शन नहीं कर पा रहे। वर्तमान में कोरोना संकट जैसी दिक्कतें बनी हुई हैं, लेकिन भविष्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए केंद्र बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। प्रदेश में चारधाम ऑलवेदर रोड का काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का कार्य प्रगति पर है। अब रेलवे विकास निगम ने चारधाम को रोपवे से जोड़ने का प्लान बनाया है। आरवीएनएल ने सर्वे के साथ भूमि के सीमांकन संबंधी काम निपटा लिए हैं, जल्द ही विशेषज्ञों की टीम सर्वेक्षण शुरू करेगी। चारधामों के रोपवे सेवा से जुड़ने के बाद बदरीनाथ-केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की यात्रा सुगम और सुविधाजनक बनेगी। परियोजना के अनुसार टर्मिनल रेल स्टेशन से मंदिर तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

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रेलवे विकास निगम के अधिकारियों के मुताबिक बदरीनाथ धाम के लिए जोशीमठ से रोपवे सेवा शुरू की जाएगी। जबकि केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग से रोपवे बनाया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री के लिए मनेरी और यमुनोत्री के लिए बड़कोट-नंदगांव से पांच से दस किमी का रोपवे प्रस्तावित है। आपको बता दें कि साल 2005 में भी केदारनाथ के लिए रोपवे सेवा शुरू करने की कवायद हुई थी। तब उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ने रामबाड़ा से केदारनाथ तक साढ़े तीन किमी लंबे रोपवे की जरूरत बताते हुए 70 करोड़ का प्रस्ताव बनाया था, लेकिन किसी भी कंपनी ने पीपीपी मोड में होने वाले निर्माण में रुचि नहीं दिखाई। अब सिर्फ केदारनाथ ही नहीं अन्य धामों को भी रोपवे सेवा से जोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। आरवीएनएल के मैनेजर सर्वेक्षण सिद्धार्थ सिंह चौहान ने कहा कि जल्द ही जरूरी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। सर्वेक्षण और सीमांकन का काम हो चुका है। चारधामों के रोपवे सेवा से जुड़ने से श्रद्धालुओं का सफर आसान होगा।