उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTunnel can be built from Dehradun to Tehri Lake

देहरादून से टिहरी झील जाने में लगेंगे सिर्फ 45 मिनट, CM धामी ने अमित शाह को बताया मास्टरप्लान

अभी दून से टिहरी झील तक पहुंचने के लिए 105 किमी की दूरी नापनी पड़ती है। सफर में 3.30 घंटे लगते हैं। टनल बनने के बाद यह सफर 45 मिनट में पूरा होगा।

Dehradun to Tehri Tunnel: Tunnel can be built from Dehradun to Tehri Lake
Image: Tunnel can be built from Dehradun to Tehri Lake (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: दिल्ली दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य हित से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से देहरादून से टिहरी के बीच डबल लेन टनल बनाने का अनुरोध किया है। इस टनल के बनने के बाद देहरादून से टिहरी का सफर आसान होगा। टनल निर्माण के बाद दून से टिहरी झील की दूरी घटकर 35 किमी रह जाएगी। अभी दून से टिहरी झील तक पहुंचने के लिए 105 किमी की दूरी नापनी पड़ती है। सफर में 3.30 घंटे लगते हैं। टनल बनने के बाद साढ़े तीन घंटे का सफर 45 से 60 मिनट में पूरा हो सकेगा। राजपुर से प्रस्तावित टनल के निर्माण पर 8750 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। राजधानी और टिहरी झील के बीच टनल बनने के बाद सफर तो आसान होगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। शाह से मुलाकात के दौरान सीएम धामी ने कुमाऊं में एम्स की स्थापना का मामला भी उठाया।

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सीएम ने गृह मंत्रालय स्तर से एम्स की सिफारिश करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में एम्स स्थापित है, लेकिन राज्य के कुमाऊं मंडल के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भौगोलिक दूरी होने के कारण आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना से सुदूरवर्ती क्षेत्रों के साथ ही उत्तर प्रदेश के निटकवर्ती जिलों के लोगों को भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार की ओर उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान सीएम ने केंद्रीय मंत्री से सामरिक महत्व को देखते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन ब्रॉडगेज (बीजी) की स्वीकृति के लिये रक्षा मंत्रालय के स्तर से संस्तुति देने की बात कही। साथ ही जखोली, रुद्रप्रयाग में स्वीकृत सैनिक स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं के लिए एमओयू में संशोधन करते हुए केंद्रीय सहायता देने का भी अनुरोध किया।