उत्तराखंड देहरादूनChardham Yatra may start soon in Uttarakhand

उत्तराखंड में जल्द शुरू हो सकती है चारधाम यात्रा, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताई बड़ी बातें

चारधाम यात्रा बंद होने के चौतरफा साइड इफेक्ट दिख रहे हैं। हजारों युवाओं का रोजगार छिन गया, जिन लोगों ने बैंक से कर्ज लेकर अपना काम शुरू किया था, वो भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

Char Dham Yatra Uttarakhand: Chardham Yatra may start soon in Uttarakhand
Image: Chardham Yatra may start soon in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ है। फिलहाल कोरोना के संभावित खतरों को देखते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगी है। जिससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ यात्रा सीजन से जुड़े कारोबारी भी चिंतित हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार इस समस्या का समाधान नहीं खोज रही। शुक्रवार को श्रीनगर के रामलीला मैदान में आयोजित जन आशीर्वाद रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू न होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इसलिए सरकार जल्द यात्रा शुरू करने का रास्ता निकालेगी। फिलहाल चारधाम यात्रा का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। श्रीनगर में हुई जन आशीर्वाद रैली के दौरान सीएम ने श्रीनगर को नगर निगम बनाने और पंचपीपल से लेकर श्रीनगर तक डबललेन बाईपास बनाने की घोषणा भी की। रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू न होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: लंबे वक्त बाद लगा जनता दरबार, CM धामी ने किए बड़े ऐलान
मामला कोर्ट में होने से फैसला नहीं हो पा रहा है। अब सरकार जल्द ही इसका रास्ता निकालेगी, ताकि जल्द से जल्द यात्रा शुरू की जा सके। गौरतलब है कि चारधाम यात्रा इस साल भी बंद है। पिछले साल भी चारधाम यात्रा का संचालन कम समय के लिए हो सका था। कोरोना के खतरे को देखते हुए यात्रियों की संख्या भी कम रही। इस बार भी चारधाम की यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट के आदेश पर फिलहाल चारधाम यात्रा पर रोक लगी है। इसके चौतरफा साइड इफेक्ट दिख रहे हैं। यात्रा बंद होने से हजारों युवाओं का रोजगार छिन गया। जिन लोगों ने लोन लेकर अपना काम शुरू किया था, वो भी कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं। किश्त जमा करने के लिए लगातार नोटिस मिल रहे हैं। बिजली-पानी के बिल आ रहे हैं, लेकिन कमाई का जरिया ठप होने से इनका भुगतान नहीं हो पा रहा। भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके व्यापारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं, जिससे सरकार पर भी यात्रा शुरू करने का दबाव बना हुआ है।