नैनीताल: उत्तराखंड में एक बार फिर मूसलाधार बारिश का कहर देखने को मिल रहा है, मूसलाधार बारिश के चलते जहां नदी-नाले पूरी तरह से उफान पर दिखाई दे रहे हैं, वहीं आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। आम लोगों से लेकर सरकारी मातहत तक सब परेशान हैं। डराने वाली ऐसी ही एक तस्वीर नैनीताल के रामनगर से आई है। जहां कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अचानक पानी बढ़ने से कर्मचारियों और श्रमिकों की जान पर बन आई। डिप्टी रेंजर समेत दस लोग जंगल में आई बाढ़ में फंस गए। जान बचाने के लिए कॉर्बेट कर्मियों और श्रमिकों ने ऊंचे टापू की शरण ली। बाद में स्टाफ के लोगों ने रस्सी की मदद से जंगल में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया। घटना ढिकाला वन क्षेत्र की है। जहां धनगढ़ी पर्यटन गेट से एक किलोमीटर पहले वन मार्ग के समीप भूस्खलन हो गया था। यहां सड़क को बचाने के लिए सीमेंट की मदद से ब्लॉक बनाए जा रहे हैं।
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बुधवार को धनगढ़ी में तैनात डिप्टी रेंजर बालम सिंह बिष्ट 10 श्रमिकों को लेकर निर्माण कार्य करा रहे थे कि तभी अचानक जंगल के दोनों ओर से पानी का तेज बहाव आ गया। बाढ़ के बीच फंसे डिप्टी रेंजर ने श्रमिकों को तुरंत काम छोड़कर किसी ऊंचे स्थान पर जाने को कहा। पानी का बहाव इतना तेज था कि सीमेंट के 30 कट्टे और निर्माण सामग्री कुछ ही मिनटों में पानी में बह गई। बाढ़ में फंसे श्रमिक घबराने लगे, तब डिप्टी रेंजर ने उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने धनगढ़ी स्टाफ को घटना की सूचना दी। कुछ ही देर में एक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। पानी कम होने पर रस्सी के सहारे डिप्टी रेंजर और श्रमिकों को पानी से बाहर निकाला गया। डिप्टी रेंजर ने कहा कि क्षेत्र में पानी इतना बढ़ गया था, कि उन्होंने खुद बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। इसके बावजूद उन्होंने श्रमिकों से हिम्मत बनाए रखने को कहा। शुक्र है कि रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई, जिससे सभी की जान बच गई।