उत्तराखंड ऋषिकेशLandslide zone in uttarakhand highway

उत्तराखंड: यात्रा पर जाने वाले ध्यान दें, इन सड़कों में भूस्खलन का डर.. संभलकर चलें

बदरी-केदार यात्रा का मुख्य मार्ग ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तपोवन से रुद्रप्रयाग तक खराब है। यहां 20 से 22 भूस्खलन जोन बन गए हैं, जो कभी भी बंद हो जाते हैं।

uttarakhand Landslide zone: Landslide zone in uttarakhand highway
Image: Landslide zone in uttarakhand highway (Source: Social Media)

ऋषिकेश: प्रदेश में शनिवार को चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट को खुले हुए चार महीने हो चुके हैं, लेकिन यात्रा बंद होने की वजह से श्रद्धालु और कारोबारी निराश थे। अब जबकि यात्रा शुरू हो गई है, तब भी कई मुश्किलें बनी हुई हैं। प्रदेश की सड़कों और हाईवे पर सफर जोखिमभरा बना हुआ है। कहीं-कहीं हाईवे की हालत बेहद खराब है। हल्की बरसात या तेज धूप में चट्टानें सड़कों पर आ गिरती हैं। सड़क पर हर तरफ मलबे के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर चमोली चाड़ा, पागलनाला, गुलाबकोटी, खचड़ा नाला, लामबगड़ नाला और रड़ांग बैंड में हाईवे की स्थिति बेहद नाजुक है। यहां बारिश होते ही सड़क पर जाम लग जाता है। नाले उफान पर आते हैं तो स्थिति और खराब हो जाती है। छोटे वाहन भी नाले में फंस जाते हैं। बीते एक माह से यहां हाईवे के बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है।

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चमोली चाड़े पर इन दिनों चट्टान कटिंग का काम चल रहा है, जिससे यहां हाईवे बेहद संकरा हो गया है। क्षेत्रपाल और गुलाबकोटी भूस्खलन क्षेत्रों में भी सड़क की हालत खराब है। बदरी-केदार यात्रा का मुख्य मार्ग ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तपोवन से रुद्रप्रयाग तक खराब है। यहां 20 से 22 भूस्खलन जोन बन गए हैं, जो कभी भी बंद हो जाते हैं। तोताघाटी के अलावा कौड़ियाला, सिंगटाली, महादेव चट्टी, शिवमूर्ति, भरपूर, नरकोटा, सिरोहबगड़, कलियासौड़ और चमधार भी ट्रैफिक के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के अनुसार, वर्तमान में सिर्फ यातायात चालू रखने के लायक राजमार्ग को खोला गया है। चारधाम यात्रा के लिए बजट की जरूरत है ताकि युद्ध स्तर पर मलबा हटाने का काम किया जा सके। वहीं चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि हाईवे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एनएचआईडीसीएल, बीआरओ और एनएच को भूस्खलन क्षेत्रों में जेसीबी मशीनें व मैन पावर की तैनाती के निर्देश दे दिए गए हैं।