उत्तराखंड ऋषिकेश42 thousands people registrations for char dham yatra uttarakhand

उत्तराखंड: चार धाम यात्रा ने पकड़ी रफ्तार, 42 हजार लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

चार धामों में अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं जबकि अब तक 42 हजार से अधिक लोगों को ई-पास जारी किये जा चुके हैं

Char dham yatra uttarakhand: 42 thousands people registrations for char dham yatra uttarakhand
Image: 42 thousands people registrations for char dham yatra uttarakhand (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में चार धाम शुरु हो गई है। यात्रा प्रारम्भ होने से प्रदेश में चार धाम से जुड़े व्यवसायों की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से चार धाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी। चार धामों में अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं जबकि अब तक 42 हजार से अधिक लोगों को ई-पास जारी किये जा चुके हैं। कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया। जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है। पर्यटन विभाग की ओर से अब तक लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराये जा रही है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - केदारनाथ में उमड़ने लगे श्रद्धालु, 12 दिन की वेटिंग..एडवांस बुकिंग फुल
मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।