उत्तराखंड नैनीतालNainital 108 negligence fetus died

उत्तराखंड: 1 घंटे तक करते रहे एंबुलेंस का इंतजार, गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत

प्रसूता दर्द से तड़प रही थी। परिजन एक घंटे तक 108 एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। 1 घंटे बाद उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस नहीं आ रही है। आगे पढ़िए पूरी खबर

Nainital 108 negligence: Nainital 108 negligence fetus died
Image: Nainital 108 negligence fetus died (Source: Social Media)

नैनीताल: परिवार में बच्चे का आगमन खुशियों की दस्तक माना जाता है। किसी मां के लिए ये पल उसके जीवन का सबसे अनमोल पल होता है, पर पहाड़ में ये खुशी हासिल करने के लिए महिलाओं को जिस दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है, उसे देख कलेजा कांप जाता है। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते कभी जच्चा की मौत हो जाती है, तो कभी नवजात को जान गंवानी पड़ती है। नैनीताल में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। यहां एंबुलेंस सेवा 108 की लापरवाही के कारण रामगढ़ क्षेत्र में गर्भस्थ शिशु ने अपनी मां के गर्भ में ही दम तोड़ दिया। महिला की भी जान पर बन आई थी। वो तो शुक्र है कि परिजन उसे किसी तरह अस्पताल ले आए, जिससे महिला की जान बच गई। पीड़ित महिला तारा रामगढ़ के हरिनगर क्षेत्र की रहने वाली है।

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रविवार रात उसे करीब नौ बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। दीपक चंद्र ने मदद के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। उन्हें बताया गया कि एक घंटे के भीतर एंबुलेंस पहुंच रही है। दीपक चंद्र के अनुसार, एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो उन्होंने दोबारा फोन किया। तब उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस नहीं आ रही है, एंबुलेंस का टायर पंक्चर हो गया है। तारा दर्द से तड़प रही थी। पति दीपक ने किसी तरह निजी वाहन का इंतजाम कर पत्नी को रामगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन तब तक तारा के शिशु की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ.गौरव कांडपाल ने बताया कि जब प्रसूता को लाया गया, गर्भस्थ शिशु मां के पेट की नाल में बुरी तरह से फंसा हुआ था। समय से इलाज नहीं मिलने से उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि अब प्रसूता की तबीयत ठीक है। वहीं सीएमओ डॉ. भागीरथ जोशी ने कहा कि रामगढ़ का मामला संज्ञान में आया है। उसकी जांच कराई जा रही है।