उत्तराखंड देहरादूनDehradun Kyarkuli bhatta village Story

गढ़वाल: ग्राम प्रधान कौशल्या रावत की कोशिशें रंग लाई, गांव के मुरीद हुए PM मोदी,

इस गांव में पर्यावरण संरक्षण, बिजली-पानी और स्वच्छता को लेकर ऐसे शानदार काम हुए, कि खुद प्रधानमंत्री भी इस गांव के मुरीद हो गए।

Dehradun Kyarkuli bhatta village: Dehradun Kyarkuli bhatta village Story
Image: Dehradun Kyarkuli bhatta village Story (Source: Social Media)

देहरादून: क्यारकुली-भट्ठा गांव। देहरादून की हरी-भरी वादियों में बसा ये गांव इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गांव में पर्यावरण संरक्षण, बिजली-पानी और स्वच्छता को लेकर ऐसे शानदार काम हुए कि खुद प्रधानमंत्री भी इस गांव के मुरीद हो गए। बीते 2 अक्टूबर का दिन इस गांव के लोगों के लिए बेहद खास रहा। प्रधानमंत्री ने यहां के लोगों से बात की। उनके काम को सराहा। इस तरह उत्तराखंड का ये गांव देशभर के गांवों के लिए मिसाल साबित हो रहा है। क्यारकुली-भट्ठा गांव में हर स्तर पर सराहनीय काम हुए हैं। यहां घर-घर में नल-जल की सुविधा है, बिजली कनेक्शन लगा है। शौचालय की व्यवस्था है, साथ ही गांव की सभी नालियां अंडरग्राउंड हैं। मसूरी के पास बसा ये गांव देहरादून से 30 किलोमीटर दूर है। एक वक्त था जब यहां के लोगों को पेयजल के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब हर घर में पानी पहुंच रहा है। सुविधाएं विकसित होने लगीं तो यहां पर्यटकों की आमद भी बढ़ रही है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इस गांव में 35 होम स्टे हैं।

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गांव की प्रधान कौशल्या रावत बताती हैं कि दस लाख की निधि में से गांव की स्वच्छता व्यवस्था पर 7 लाख रुपये खर्च किए गए। साथ ही ढाई लाख रुपये से पेयजल व्यवस्था दुरुस्त की गई। 340 परिवारों वाले इस गांव में वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां के ग्रामीण भी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं, उन्होंने यहां करीब 22 हजार पौधे रोपे हैं। सोकपिट बनाकर भू-जल को रिचार्ज किया जा रहा है। पानी की शुद्धता जांच के लिए पेयजल स्वच्छता समिति बनाई गई है। शनिवार को गांव के लोगों को वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री से बातचीत करने का मौका मिला तो गांव में जश्न का माहौल था। सभी ने उत्साह से संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। साथ ही पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करने की बात भी कही। इस तरह ये गांव पर्यावरण के साथ-साथ जल संरक्षण की मिसाल बन गया है।