उत्तराखंड नैनीतालHome stay plan for nainital empty village

उत्तराखंड: यहां इटली की तर्ज पर बनेंगे होमस्टे, हाईटेक विलेज में तब्दील होंगे वीरान गांव

पर्यटन विभाग ने नैनीताल के कुंजखड़क समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जहां होमस्टे योजना की शुरुआत की जाएगी.

Nainital home stay: Home stay plan for nainital empty village
Image: Home stay plan for nainital empty village (Source: Social Media)

नैनीताल: आज राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती गांवों से हो रहा पलायन है. पलायन आयोग की रिपोर्ट की बात करे तो राज्य गठन से लेकर अब तक 1702 से ज्यादा गांव पलायन की वजह से पूरी तरह से खाली हो चुके है. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तेजी से हो रहे पलायन की सच्चाई किसी से छुपी नहीं है, वही कोरोना के चलते कुछ लोग अपने गांव वापस जरूर लौट रहे हैं लेकिन यह लोग बीमारी के सामान्य होने के बाद एक बार फिर वापस शहरों की तरफ लौट जाएंगे. लेकिन अब पर्यटन विभाग इन खाली गांवों के पारम्परिक घरों को पर्यटन की संभावना तलाशने में जुटा है. पर्यटन विभाग खाली हो चुके गावों (घोस्ट विलेज) को पुनर्जीवित व विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है. इसके प्रथम चरण में पर्यटन विभाग ने नैनीताल के कुंजखड़क समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जहां होमस्टे योजना की शुरुआत की जाएगी. उत्तराखंड पर्यटन विभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां प्रतिवर्ष विश्वभर से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं। इसी तर्ज पर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऐसे कुछ गांवों को चिह्नित करना शुरू किया है। यहां होम स्टे बनेंगे, पर्यटक यहां घूमने आएंगे. इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही, साथ ही कई दशक से खाली पड़े कुंजखड़क गांव के आसपास के इलाके एक बार फिर से आबाद हो जाएंगे.

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आपको बता दें की उत्तराखंड पर्यटन विभाग अहमदाबाद के एक फर्म के साथ मिलकर घोस्ट विलेजेस में होम स्टे योजना शुरू करने जा रहा है. इसके तहत विभाग ने उत्तराखंड में खाली खो रहे गांवों को चिन्हित कर ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना के तहत बेस होम स्टे शुरू करवाये जाने हैं. जिसको लेकर नैनीताल पर्यटन विभाग ने कुंजखड़क समेत आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया है. विभाग इन गांवों में खंडहर हो चुके मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा. इसके साथ ही उत्तराखंड की शिल्प कला, संस्कृति, खाद्य पदार्थ समेत आसपास के पर्यटक स्थलों को भी इससे नई पहचान मिलेगी. योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए करने की भी योजना है. वहीँ ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे होम स्टे चलाने वाले पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि सरकार की इस योजना से गांवों में हो रहे पलायन पर रोक लगेगी, साथ ही युवाओं को भी रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे. कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के लिहाज से ये एक बेहतरीन खबर साबित हो सकती है. सही दिशा में सही काम किया गया तो युवाओं को शानदार फायदा मिल सकता है.