उत्तराखंड रुद्रप्रयागRope way service to start for Kedarnath and hemkund

उत्तराखंड: केदारनाथ, हेमकुंड जाने में लगेंगे चंद मिनट..शुरू होगी रोपवे सर्विस

उत्तराखंड में कुल 29 किमी की संयुक्त लंबाई के साथ तीन रोपवे लिंक प्रस्तावित हैं। जिनके जरिए केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोपवे सेवा से जुड़ सकेंगे।

Rope way service Kedarnath: Rope way service to start for Kedarnath and hemkund
Image: Rope way service to start for Kedarnath and hemkund (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब को रोपवे लिंक से जोड़ने की तैयारी है। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा सुखद और आरामदायक हो सकेगी। केंद्र की मदद से इन दोनों तीर्थों को रोपवे सेवा से जोड़ा जाएगा। दो दिन पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम केदारनाथ में रोपवे संभावनाओं का जायजा लेने आई थी। इस दौरान टीम ने केदारनाथ, सोनप्रयाग और गौरीकुंड क्षेत्र का दौरा किया। एनएचएआई की रोपवे विंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के सीईओ प्रकाश गौड़ के नेतृत्व में आई टीम ने पूरे इलाके का सर्वे किया। सीईओ प्रकाश गौड़ ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में कुल 29 किमी की संयुक्त लंबाई के साथ तीन रोपवे लिंक प्रस्तावित हैं।

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इनमें रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग-गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर, चमोली जिले में गोविंदघाट-घांघरिया से हेमकुंड साहिब और नैनीताल में रानीबाग से हनुमान मंदिर तक रोपवे लिंक शामिल हैं। सोनप्रयाग-गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 8.5 किमी, चमोली में गोविंदघाट-घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक 8.8 किमी और नैनीताल में रानीबाग से हनुमान मंदिर तक 12 किमी लंबा रोपवे लिंक प्रस्तावित है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में 42.5 किमी की संयुक्त लंबाई के रोपवे-लिंक प्रस्तावित हैं। इसके लिए एनएचएआई ने फिजिबिलिटी और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए बिड मांगी हैं। 8 में से तीन परियोजनाएं उत्तराखंड में धरातल पर उतारी जानी हैं। उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे लिंक परियोजना का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा गया है। सीईओ प्रकाश गौड़ ने बताया कि हमने केदारनाथ में रोपवे लिंक परियोजना के तहत सोनप्रयाग-गौरीकुंड-केदारनाथ का दौरा किया था। परियोजना अभी शुरुआती चरण में है। हमने तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वे किया है। उत्तराखंड में तीन परियोजनाओं की कुल लंबाई 29 किमी है।