देहरादून: मतलबपरस्ती के दौर में दोस्ती जैसे रिश्तों का कोई मोल नहीं रह गया है। अब देहरादून में ही देख लें, यहां प्रॉपर्टी के लालच में एक रिटायर्ड टीचर की हत्या कर दी गई। घटना करीब डेढ़ महीने पुरानी है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के दोस्त समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है। रिटायर्ड टीचर की लाश वारदात के 15 दिन बाद सौंग नदी से मिली थी। घटना डोईवाला इलाके की है। 31 अगस्त को पारेश्वर प्रसाद नाम के शख्स ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके चाचा सुभाष चंद्र शर्मा 30 अगस्त की शाम से घर नहीं लौटे हैं। वो 62 साल के हैं और अविवाहित थे।
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पुलिस ने कॉल रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि सुभाष उस दिन अपने दोस्त प्रॉपर्टी डीलर विजय जोशी के घर गए थे। 14 सितंबर को सौंग नदी से सुभाष चंद्र शर्मा की लाश बरामद हुई। इस मामले में पुलिस ने सुभाष के दोस्त विजय से पूछताछ की तो पहले तो वो पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस की सख्ती के सामने उसे सच कबूल करना पड़ा। विजय ने बताया कि उसने सतपाल और वीरेंद्र नाम के शख्स के साथ मिलकर सुभाष की हत्या की थी। आरोपी ने इसकी वजह भी बताई। उसने बताया कि सुभाष के साथ उसकी काफी पुरानी दोस्ती थी। सुभाष ने विजय को 4-5 लाख रुपये उधार दिए हुए थे, जो कि वो वापस मांग रहे थे। इसके अलावा सुभाष ने साल 2020 में जीवनवाला में 26 लाख रुपये का एक प्लॉट खरीदा था। सौदा विजय जोशी के जरिए हुआ, लेकिन दगाबाज विजय ने प्लॉट की रजिस्ट्री सुभाष की बजाय अपने नाम करा ली.
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वर्तमान में इस प्लॉट की कीमत 1 करोड़ रुपये हैं। धोखाधड़ी के बारे में पता चलने पर सुभाष विजय पर प्लॉट की रजिस्ट्री उनके नाम करने के लिए दबाव बना रहे थे। इस प्लाट को हड़पने के लिए विजय ने 30 अगस्त को सतपाल और वीरेंद्र के साथ मिलकर सुभाष की हत्या कर दी। सतपाल और वीरेंद्र को हत्या के लिए 5-5 लाख रुपये देकर बुलाया गया था। विजय ने ये भी बताया कि सुभाष उसकी पत्नी पर बुरी नजर रखता था, जिसके चलते उसने सुभाष को मार डाला। इस मामले में पुलिस ने आरोपी विजय जोशी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।