उत्तराखंड नैनीतालStory of okhalkanda harrndra landslide

उत्तराखंड: भूस्खलन ने तबाह किया हरेंद्र का परिवार, मां-पत्नी और 4 मासूमों की मौत

हरेंद्र की तीन बेटियां थी, बड़ी मन्नतों के बाद एक साल पहले उसका बेटा हुआ था। 21 अक्टूबर को बेटे पारस का पहला जन्मदिन था, लेकिन 18 अक्टूबर की सुबह इस परिवार की सारी खुशियां छिन गईं।

Okhalkanda harendra landslide: Story of okhalkanda harrndra landslide
Image: Story of okhalkanda harrndra landslide (Source: Social Media)

नैनीताल: बीते दिनों भारी बारिश के बाद आई आपदा ने कई लोगों की जिंदगी लील ली। आपदा में अब तक कुल 75 लोगों के मारे जाने की सूचना है, लेकिन ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। आपदा में जिन लोगों ने अपने परिजनों और परिवार को खोया उनमें नैनीताल के हरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। 18 अक्टूबर की सुबह काल की शक्ल में बरसी बारिश ने हरेंद्र से उनका पूरा परिवार छीन लिया। भूस्खलन की चपेट में आने से हरेंद्र की मां, उनकी पत्नी और 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम ने ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कर मृतकों के शव बरामद कर लिए हैं। क्षेत्र में बारिश अब थम गई है, लेकिन एक झटके में पूरे परिवार को खोने वाले हरेंद्र के आंसू नहीं थम रहे। मासूम बच्चों को याद कर उनका दिल तड़प उठता है। हरेंद्र का परिवार ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी गांव में रहता था। 18 अक्टूबर की सुबह यहां भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - चंपावत में आपदा पीड़ितों से मिलकर भावुक हुए CM, जल्द से जल्द मुआवजा देने के निर्देश
हादसे में जान गंवाने वालों की शिनाख्त मीना देवी (28 वर्ष), चांदनी (8 वर्ष), डिम्पल (6 वर्ष), तनुजा (4 वर्ष), पारस (1 वर्ष ) और शांति देवी (65 वर्ष) के रूप में हुई। इस हादसे के बाद हरेंद्र गहरे सदमे में हैं। कुछ दिन पहले हुए हादसे में उनकी मां, पत्नी समेत चार बच्चे काल के गाल में समा गए। परिजनों ने बताया कि हरेंद्र की तीन बेटियां थी, बड़ी मन्नतों के बाद एक साल पहले उसका बेटा हुआ था। 21 अक्टूबर को बेटे पारस का पहला जन्मदिन था। जिसे लेकर पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। बहनें अपने भाई के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए एक हफ्ते से तैयारियों में जुटी हुई थीं, लेकिन जन्मदिन से एक हफ्ते पहले ही हरेंद्र के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हरेंद्र की आंखों में हर वक्त आंसू दिखाई देते हैं, परिवार के नाम पर अब सिर्फ वही बचे हुए हैं। गांव में भी मातम पसरा है, आपदा का खौफनाक मंजर लोगों को बेचैन किए हुए है।