उत्तराखंड देहरादूनMandate issued for igaas Bagwal in Uttarakhand

..तो अब उत्तराखंड में हर ईगास को होगी छुट्टी, अब तक का पहला शासनादेश जारी..देखिए

उत्तराखंड वासियों की बड़ी मांग पर आखिरकार सरकार द्वारा ईगास बग्वाल (igaas Holiday Uttarakhand) के लिए शासनादेश जारी हो गया है।

igaas Holiday Uttarakhand: Mandate issued for igaas Bagwal in Uttarakhand
Image: Mandate issued for igaas Bagwal in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: आखिरकार उत्तराखंड में इस साल से नई रीत चल पड़ी है। लोगों की भारी मांग और छठ पूजा पर छुट्टी के कड़े विरोध के बीच उत्तराखंड सरकार ने पहली बार ईगास बग्वाल (igaas Holiday Uttarakhand) को लेकर छुट्टी का शासनादेश जारी कर दिया है। वैसे आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के पहले सीएम हैं, जिन्होंने ईगास बग्वाल को लेकर शासनादेश जारी करवाया है। इससे पहले उत्तराखंड में छठ को लेकर अवकाश की घोषणा की गई थी। इसके बाद लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया और सरकार को ईगास की छुट्टी की तरफ ध्यानाकर्षित किया। आखिरकार उत्तराखंड सरकार द्वारा पहला शासनादेश जारी कर दिया है। ऐसे में माना जा सकता है कि आने वाले वक्त में भी अब हर ईगास की छुट्टी होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर अवकाश की बात ट्विटर पर शेयर की है। खास बात है कि सीएम ने गढ़वाली में ट्वीट करते हुए लिखा है। ‘उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ’। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में ईगास पर अवकाश, पूर्व CM त्रिवेंद्र बोले- कोई बड़ी बात नहीं

  • देखिए शासनादेश

    Mandate issued for igaas Bagwal in Uttarakhand
    1/ 2

    दरअसल पहाड़ में दीपावली यानी बग्वाल पर्व के 11 दिन बाद इगास पर्व (igaas Holiday Uttarakhand) या बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा है। इगास को पहाड़ की संस्कृति के साथ साथ ऐतिहासिक तथ्यों से भी जोड़ा जाता है।

  • ईगास बग्वाल की बधाई

    Mandate issued for igaas Bagwal in Uttarakhand
    2/ 2

    दरअसल छठ पर्व का अवकाश घोषित (igaas Holiday Uttarakhand) होन के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग इगास पर भी अवकाश घोषित करने की मांग करता रहा। चुनावों को देखते हुए सरकार किसी भी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती शायद इसलिए इगास पर भी फैसला लिया गया।