देहरादून: उत्तराखंड में बग्वाल (Egas Bagwal Monday Holiday Uttarakhand) के 11 दिन बाद लोकपर्व इगास मनाने की परंपरा है। पहाड़ की लोक संस्कृति से जुड़े इगास पर्व के दिन घरों की साफ-सफाई के बाद मीठे पकवान बनाए जाते हैं, देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। उत्तराखंड सरकार ने इस साल पहाड़ के इस लोकपर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, हालांकि सरकार के इस फैसले पर राजनीति भी शुरू हो गई। दरअसल छठ पर्व पर अवकाश देने के बाद इगास पर्व पर भी छुट्टी की मांग उठ रही थी। अब जब सरकार ने छुट्टी दे दी है तो पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब इगास पर्व इतवार को पड़ रहा है तो छुट्टी देने का क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सीएम की घोषणाओं का लाभ इगास प्रेमियों को नहीं मिलेगा। वैसे हरीश रावत के बयान के बाद सीएम धामी ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल दिया। अब ईगास की छुट्टी सोमवार को है। आगे पढ़िए
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इसे लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस का वादा है, इगास को पर्व के रूप में मनाया जा सके इसके लिए इगास के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए हर वर्ष इगास के दिन सरकारी अवकाश रहेगा। हरीश रावत ने लोगों को इगास की बधाई भी दी। हरदा लिखते हैं कि कोरी घोषणाओं के क्रम में इस वर्ष इगास मनाने के दिन छुट्टी करने का निर्णय भी कोरी घोषणाओं में शामिल हो गया है। 14 तारीख को इगास है, इसी दिन इतवार भी है अर्थात सरकार की घोषणा का लाभ इगास प्रेमी लोगों को नहीं मिलने जा रहा, सरकार की घोषणा इसी वर्ष के लिए है। उधर सरकार सोमवार को छुट्टी की घोषणा (Egas Bagwal Monday Holiday Uttarakhand) कर चुकी है। पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार उत्तराखंड सरकार पर हमलावर हैं। पिछले दिनों उन्होंने शंखनाद रैली में कहा कि बीजेपी राज में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में जनता अब बीजेपी को तड़ीपार करने जा रही है।