उत्तराखंड पिथौरागढ़Anonymous glacier changed course in Uttarakhand says scientific report

सावधान! उत्तराखंड में 5 Km लंबे ग्लेशियर ने बदला रास्ता, जानिए अब क्या होने वाला है

वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि एक अनाम ग्लेशियर (Uttarakhand unnamed glacier changed course) दूसरी घाटी के क्षेत्र में प्रवेश कर गया।

Uttarakhand glacier changed course: Anonymous glacier changed course in Uttarakhand says scientific report
Image: Anonymous glacier changed course in Uttarakhand says scientific report (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने शोध में एक बड़ा खुलासा किया है। इस शोध के मुताबिक उत्तराखंड में एक अनाम ग्लेशियर (Uttarakhand unnamed glacier changed course) ने अपना रास्ता बदल दिया है। ये ग्लेशियर पिथौरागढ़ में ऊपरी काली गंगा घाटी का एक अनाम ग्लेशियर बताया जा रहा है। शोध में जानकारी मिली है कि ये ग्लेशियर अपनी घाटी से हटकर सुमजुर्कचांकी ग्लेशियर वाली घाटी में प्रवेश कर गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टेक्टोनिक प्लेट में अंदरूनी हलचल इसकी वजह है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन भी इसकी बड़ी वजह है। ये पहली बार है कि इस ग्लेशियर में इस तरह के बदलाव की जानकारी मिली है। ये ग्लेशियर करीब पांच किलोमीटर लंबा है। आपको ये बात भी जाननी चाहिए कि ये ग्लेशियर कुठीयां की घाटी में करीब 4 वर्ग किलोमीटर एरिया को कवर करता है। ग्लेशियर लैंड फार्म पर आधारित ये शोध जियो साइंस जर्नल में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ है। आगे पढ़िए
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  • Uttarakhand unnamed glacier changed course

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    वैज्ञानिक रिपोर्ट के मुताबिक कालीगंगा का ये ग्लेशियर बहुत साल पहले जब आगे बढ़ा था तो उसके फ्रंट में बहुत सारा मलबा इकट्ठा होता गया। हजारों सालों के अगले फेज में जब ग्लेशियर पर दबाव बढ़ा, तो वो आगे बढ़ा। ऐसे में ग्लेशियर का फ्रंट और भी ज्यादा सख्त हो गया था। इस वजह से ग्लेशियर को कमजोर सिरा मिला, वो उसमें प्रवेश कर गया। शोध के मुताबिक इस माउंटेन रिज को तोड़कर ग्लेशियर को दूसरी घाटी में जाने का रास्ता मिला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भूगर्भीय हलचल की वजह से ये घटना हुई है।

  • क्या होगा असर

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    अब सवाल ये है कि ग्लेशियर के मार्ग बदलने से क्या होगा? वैज्ञानिक शोध कहता है कि जिस घाटी को ग्लेशियर छोड़ रहा है, उसके निचले हिस्से के क्षेत्र की वनस्पति और जीवों के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। प्राकृतिक जलधाराएं समाप्त हो सकती हैं। इसका असर सहायक नदियों के लुप्त होने पर भी पड़ेगा। इसके अलावा जिस घाटी में ग्लेशियर (Uttarakhand unnamed glacier changed course) प्रवेश कर रहा है, उस घाटी में नए जल स्रोतों का जन्म हो सकता है। घाटी क्षेत्र में नदी का प्रवाह तंत्र मजबूत हो सकता है।