उत्तराखंड उत्तरकाशीScientists report on Uttarakhand Earthquake

उत्तराखंड पर मंडरा रहा है 8 रिक्टर स्केल के भूकंप का खतरा, रिसर्च में सामने आई बड़ी बातें

Uttarakhand में Earthquake लगातार आ रहे हैं और वैज्ञानिकों की मानें तो ये बड़े खतरे का सिग्नल है।

Uttarakhand Earthquake: Scientists report on Uttarakhand Earthquake
Image: Scientists report on Uttarakhand Earthquake (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: कभी टिहरी, कभी रुद्रप्रयाग, कभी देहरादून, कभी पिथौरागढ़, कभी चमोली तो कभी धारचूला-उत्तरकाशी। Uttarakhand में लगातार Earthquake के झटके महसूस हो रहे हैं। आज की ही बात करें तो टिहरी, उत्तरकाशी में भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र टिहरी में ही जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। क्या लगातार आ रहा भूकंप किसी बड़े खतरे का संकेत दे रहा है? वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में कभी भी 8 रिक्टर स्केल तक का भूकंप आ सकता है। 8 रिक्टर स्केल का भूकंप यानी बड़ी तबाही का संकेत। कुछ वक्त पहले वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने लगातार आ रहे भूकंप की वजह का पता लगाया। साथ ही वैज्ञानिकों ने एक चेतावनी भी दी है। वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में बड़े भूंकप की आशंका जाहिर की है। ये भूकंप 8 रिक्टर स्केल का भी हो सकता है। इसकी वजह है वो टैक्टोनिक प्लेट, जो धरती के नीचे मौजूद हैं और बड़े विनाश का सबब बन सकती हैं। उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जिसका बड़ा हिस्सा भूकंप के जोन नंबर 5 में आता है। आगे भी पढ़िए
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  • Uttarakhand Earthquake- जोन नंबर 5

    Scientists report on Uttarakhand Earthquake
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    अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग जिले के अधिकांश भाग के अलावा बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले आते हैं। वहीं जो क्षेत्र संवेदनशील जोन चार में हैं उनमें ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिला शामिल है। देहरादून और टिहरी का क्षेत्र दोनों जोन में आता है।

  • Uttarakhand Earthquake- जानिए वजह

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    वैज्ञानिकों का कहना है कि नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनंदा फॉल्ट में हर वर्ष भूगर्भीय हलचल से साढ़े 4 मिमी धरती उठ रही है। यह भविष्य में 8 रिक्टर स्केल तक का बड़ा भूकंप ला सकता है। भूगर्भीय सक्रियता के कारण श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच धरातल प्रति वर्ष 4 मिलीमीटर उठ रहा है।