उत्तराखंड ऋषिकेशStuti and Devarshi started Maharishi Boutique-Cafe in Rishikesh

उत्तराखंड: इंजीनियरिंग की जॉब छोड़ स्तुति ने की नई शुरुआत, अब कई लोगों को दे रहीं रोजगार

मन की शांति के लिए स्तुति ने कंप्यूटर इंजीनियर (Maharishi Boutique-Cafe Rishikesh) की जॉब की जगह उत्तराखंड में रहना चुना। आज उन्हें सुकून मिल रहा है।

Maharishi Boutique-Cafe Rishikesh: Stuti and Devarshi started Maharishi Boutique-Cafe in Rishikesh
Image: Stuti and Devarshi started Maharishi Boutique-Cafe in Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: ज्ञानी लोग जानते हैं कि जीवन में क्या जरूरी है। सिर्फ भौतिक समृद्धि हमें सुख और शांति की राह पर नहीं ले जा सकती। मानसिक जगत में आगे बढ़ने को हम प्रगति नहीं कह सकते थे। गढ़वाल की रहने वाली स्तुति भी ये बात जानती थीं। यही वजह है कि उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियर की जॉब की जगह उत्तराखंड में रहना चुना। आज वो यहां कुछ ऐसा कर रही हैं, जिससे उन्हें सुकून मिल रहा है और उत्तराखंड की संस्कृति को प्रोत्साहन भी। स्तुति ऋषिकेश में स्थित महर्षि-बुटिक कैफे (Maharishi Boutique-Cafe Rishikesh) का संचालन करती हैं। मुंबई में रहने वाले देवर्षि कैफे के संचालन में स्तुति की मदद करते हैं। देवर्षि सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। स्तुति योग शिक्षिका भी हैं। उनके क्रिएटिव आउटलेट में स्थानीय स्तर पर तैयार प्रोडक्ट मिलते हैं। यहां जो परिधान बिक्री के लिए रखे गए हैं, उन्हें स्थानीय महिलाओं ने बनाया है। यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन परोसे जाते हैं। स्तुति कहती हैं कि उत्तराखंड के शेफ दुनियाभर में मशहूर हैं।
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  • Rishikesh में Maharishi Boutique-Cafe

    Stuti and Devarshi started Maharishi Boutique-Cafe in Rishikesh
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    हम यहां के युवाओं को अवसर देने के लिए प्लेटफार्म तैयार कर रहे हैं। महर्षि बुटिक-कैफे ऐसा ही प्रयास है। हमारे यहां पांच लोगों का स्टाफ है, सभी पहाड़ से हैं। स्तुति का बुटिक-कैफे इसलिए अलग है, क्योंकि उन्होंने स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए क्रिएटिविटी को जरिया बनाया है। कैफे में आने वाले पर्यटकों को गहथ की दाल, कंडाली का साग, मंडुवा की रोटी और दूसरे पहाड़ी व्यंजन परोसे जाते हैं। स्थानीय कारीगरों के बनाए शोपीस भी खूब पसंद किए जाते हैं।

  • Maharishi Boutique-Cafe Rishikesh-देवर्षि ने दिया पूरा साथ

    Stuti and Devarshi started Maharishi Boutique-Cafe in Rishikesh
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    नीदरलैंड से लौटे देवर्षि कहते हैं कि हमारे भोजन का टेस्ट इंडियन है, लेकिन प्रजेंटेशन यूरोपियन है। हम इसे वेंचर नहीं बल्कि क्रिएटिव आउटलेट कहना ज्यादा पसंद करते हैं। स्तुति कहती हैं कि हमें खुशी है कि हम जो भी बना रहे हैं, लोग उसे पसंद कर रहे हैं। हम विदेशी पर्यटकों को भारत की समृद्ध संस्कृति और खानपान के बारे में बताते हैं। अब हम कम्युनिटी के साथ मिलकर लोगों को आजीविका से जोड़ना चाहते हैं। इसी काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं।