उत्तराखंड चम्पावतCase of Dalit Cook and upper caste student in Champawat school

उत्तराखंड: सवर्ण छात्रों ने नहीं खाया दलित कुक के हाथ से बना खाना, अब दलित छात्र भी गुस्साए

Champawat में पिछली बार upper caste student ने Dalit cook के हाथ से बना खाना खाने से इनकार कर दिया था

Champawat upper caste student Dalit cook: Case of Dalit Cook and upper caste student in Champawat school
Image: Case of Dalit Cook and upper caste student in Champawat school (Source: Social Media)

चम्पावत: पिछले महीने उत्तराखंड के Champawat में एक शर्मनाक घटना सामने आई थी। यहां एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मरने वाले का कसूर सिर्फ ये था कि उसने शादी समारोह में ऊंची जाति वालों के साथ बैठकर खाना खा लिया था, जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इस घटना के घाव अभी भरे भी नहीं थे कि Champawat में एक बार फिर छुआछूत का एक और मामला सामने आया। यहां एक सरकारी स्कूल में upper caste student ने Dalit cook के हाथ से बना खाना खाने से इनकार कर दिया था। घटना को लेकर खूब बवाल हुआ। बाद में स्कूल में ऊंची जाति के कुक की नियुक्ति की गई, लेकिन इस मामले में एक बार फिर ट्विस्ट आ गया है। पिछली बार सवर्ण बच्चों ने दलित कुक के हाथ से बना खाना खाने से इनकार किया था, इस बार दलित छात्र उखड़े हुए हैं। स्कूल के दलित स्टूडेंट्स ने ऊंची जाति की कुक का बनाया खाना खाने से इनकार कर दिया है। मामला सूखीढांग गांव के सरकारी स्कूल से जुड़ा है। आगे पढ़िए

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स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह की तरफ से शिक्षा विभाग को एक चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें बताया गया कि बच्चों के बीच इस तरह की चर्चा है कि अगर दलित कुक के पकाए भोजन से सामान्य वर्ग के छात्र नफरत करते हैं, तो वे भी सामान्य वर्ग की कुक के हाथों से बना खाना नहीं खाएंगे। लंच के लिए वे अपने घर से खाना लेकर आएंगे। मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लेते हुए कुमाऊं के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे को स्कूल का दौरा करने और घटना की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि Champawat के सूखीढांग क्षेत्र में जौल गांव के सरकारी स्कूल में ऊंची जाति के upper caste student ने Dalit cook सुनीता देवी के पकाए गए भोजन को खाने से इनकार कर दिया था। बाद में दलित महिला को नौकरी से हटा दिया गया। उसकी जगह सामान्य वर्ग की महिला की नियुक्ति की गई, लेकिन अब दलित छात्रों ने स्कूल में बना भोजन खाने से इनकार कर दिया है।