उत्तराखंड रुड़कीRishabh Pant completes 100 catches in Test cricket

उत्तराखंड के ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, सबसे तेज पूरा किया कैचों का शतक..धोनी को पीछे छोड़ा

24 साल के ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में 100 कैच लपकने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। पंत ने ये उपलब्धि अपने 27वें टेस्ट में हासिल की।

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Image: Rishabh Pant completes 100 catches in Test cricket (Source: Social Media)

रुड़की: इंडियन क्रिकेट टीम के बल्लेबाज-विकेटकीपर ऋषभ पंत पिछले कुछ महीनों से शानदार फॉर्म में हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद वो आईपीएल के 14वें सीजन में भी छाए रहे। ऋषभ मैच दर मैच अपनी विकेटकीपिंग में सुधार कर रहे हैं, और उनकी ये मेहनत क्रिकेट ग्राउंड में नजर भी आ रही है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच जोहानिसबर्ग के द वांडरर्स स्टेडियम में खेला जा रहा है। पिछले मैच के बाद ऋषभ ने दूसरे मैच में भी एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। 24 साल के ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में 100 कैच लपकने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। पंत ने ये उपलब्धि अपने 27वें टेस्ट में हासिल की। अब वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज 100 कैच लेने वाले भारतीय विकेटकीपर भी बन गए हैं। आपको याद होगा कि ऋषभ पंत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में भारत के लिए सबसे तेज 100 शिकार करने का भी रिकॉर्ड बनाया था।उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ा है, जिनको 100 कैच लपकने में 40 मैच लग गए थे

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पंत ने शार्दुल ठाकुर की गेंद पर विकेट के पीछे लूंगी एंगिडी का कैच पकड़ा। इसके साथ ही वह क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में कैचों का शतक पूरे करने वाले चौथे भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। ऋषभ से पहले महेंद्र सिंह धोनी, सैयद किरमानी और किरण मोरे भारत के लिए यह कारनामा कर चुके हैं। लिस्ट में धोनी 256 कैच के साथ टॉप पर हैं। ऋषभ पंत ने महज 27वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की और अब वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज 100 कैच लेने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। इस तरह ऋषभ पंत क्रिकेट के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर देश और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। ऋषभ पंत उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं। साल 2016 में अंडर-19 में धमाकेदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें भारत की नेशनल टीम में जगह मिली। तब से ऋषभ पंत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।