उत्तराखंड बागेश्वरDinesh Lohani of Bageshwar has so far grown more than 1 lakh saplings

पहाड़ के ‘ट्री मैन’ को सलाम..अब तक लगाए 1.15 लाख पौधे, पानी से लबालब हुए सूखे खाल़

Bageshwar के Dinesh Lohani को सैल्यूट, 30 सालों में कर चुके हैं 1 लाख 15 हजार पौधों का रोपण..सूखे खाल को दिया नया जीवन

Bageshwar Dinesh Lohani: Dinesh Lohani of Bageshwar has so far grown more than 1 lakh saplings
Image: Dinesh Lohani of Bageshwar has so far grown more than 1 lakh saplings (Source: Social Media)

बागेश्वर: आज कहानी Bageshwar के ट्री मैन Dinesh Lohani की…प्रकृति का विनाश कोई नई बात नहीं है। आज जहां देखो वहां अलग-अलग रूप से इसका दोहन किया जा रहा है। मानव अपने लोभ में इतना अंधा हो चुका है कि उसे भले बुरे का ज्ञान भी नहीं रहा। मगर हमारे बीच अब भी कुछ ऐसे जागरूक और प्रकृति प्रेमी लोग हैं जो प्रकृति संरक्षण के लिए अपने स्तर पर पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। वे प्रकृति को बचाने में जुटे हुए हैं। उनको यह पता है कि प्रकृति का हनन समस्त मानव जाति का विनाश है। आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही प्रकृति प्रेमी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी तमाम जिंदगी प्रकृति संरक्षण के सुपुर्द कर दी है। हम बात कर रहे हैं वृक्ष प्रेमी दिनेश लोहानी की। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने अबतक 1 लाख 15 हजार पौधों का रोपण किया है। जी हां, वे 30 सालों में एक लाख 15 हजार पौधों का रोपण चुके हैं। बागेश्वर के दिनेश लोहानी प्रकृति प्रेमी हैं और इसके संरक्षण की ओर प्रयासरत हैं। पेड़ो की महत्वता को देखते हुए जीवन के 30 साल उन्होंने पेड़ों को समर्पित कर दिए।

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बागेश्वर के सीमा गांव निवासी वृक्षप्रेमी दिनेश लोहानी वर्ष 1992 से लगातार जल संरक्षण के लिए पौधारोपण कर रहे हैं। अब तक वे विभिन्न प्रजाति के एक लाख पंद्रह हजार पौधे रोप चुके हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि वे 60 हजार पौधे नि:शुल्क बांट चुके हैं। उन्होंने अपने गांव में सूख चुके गतनी खाल को पौधारोपण से ही पुनर्जीवित कर उसको नया जीवन प्रदान किया है। उन्होंने अपने घर में भी प्रकृति को भरपूर स्पेस दिया है। उन्होंने अपने घर के पास चार हेक्टेयर में बांज, बुरांश, उतीस, फाल्यांट आदि प्रजातियों का जंगल भी विकसित किया है और वे उनका अपने परिवार के सदस्य की तरह ही ख्याल रखते हैं। वे प्रत्येक सीजन में पौधारोपण करने के साथ-साथ उनकी देखभाल व सुरक्षा भी करते हैं। सीजन के हिसाब से पौधों की डिमांड उनके उपज का भी वे पूरा-पूरा ख्याल रखते हैं। इसी के अलावा उनके नाम एक और बड़ी उपलब्धि है। बीती मई माह में उन्होंने भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के तत्वावधान में आयोजित वाटर हीरोज: अपनी कहानी को साझा करें प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और इसके विजेता बने। आगे पढ़िए

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उन्होंने कहा कि उनका प्रयास मुख्य रूप से जल संरक्षण का है। जल संरक्षण की प्रेरणा उनको तब मिली जब उनके गांव में गतनी खाल पूरी तरह से सूख गया। बीते 30 सालों से वे पौधारोपण का काम कर रहे।उन्होंने अपने गांव से पौधारोपण शुरू किया और धीरे-धीरे करके उन्होंने आसपास भी जल संरक्षण के लिए पौधारोपण शुरू किया। अबतक उन्होंने 1 लाख से भी अधिक पौधे लगा दिए हैं। उन्होंने अपने गांव के पास जंगल भी विकसित किया। आज उनके कड़े परिश्रम की वजह से उनके क्षेत्र में भरपूर पानी है। Bageshwar के Dinesh Lohani और उनके जैसे और भी कई पर्यावरण प्रेमी जो कि दिन रात प्रकृति की सुरक्षा में लगे हुए हैं और मनुष्य एवं प्रकृति के बीच जो बड़ा अंतर आ रखा है उस अंतर को कम करने में जुटे हुए हैं, उन सभी लोगों को हमारी टीम सैल्यूट करती है। अगर आपके आसपास भी कोई पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रयास कर रहा है तो उनकी कहानी हमतक जरूर पहुंचाएं।