हल्द्वानी: अगर आप भी सर्दियों में बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोते हैं, तो जरा सावधान रहिए। कोयला या फिर लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैस निकलती हैं, जिससे आपकी जान भी जा सकती है। ऐसी ही खबर उत्तराखंड के काठगोदाम से आई है। यहां ठंड से बचने के लिए बुजुर्ग दंपति कमरे में अंगीठी जलाकर सो गए। अंगीठी से जहरीली गैस निकली और दोनों ही बुजुर्ग बेहोश हो गए। जब परिजन गोनों को अस्पताल ले गए, तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर लिया। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक दमुआदूंगा के रहने वाले 63 साल के किशन राम चन्याल देर रात खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चले गए। उनके साथ उनकी पत्नी रेवती देवी भी थी। इस दौरान किशन राम ने ठंड से बचने के लिए अंगीठी को अपने कमरे में रख दिया और दरवाजा बंद कर लिया। सुबह जब देर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। परिजनों ने जब दरवाजा खोला तो हैरान रह गए। दोनों ही बुजुर्ग वहां पर बेहोशी की हालत में पड़े थे। आनन-फानन में परिवार के लोग उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। किशन राम चन्याल और रेवती देवी के दो बेटे हैं। इनमें से एक बेटा कारोबारी है जबकि दूसरा गंगोलीहाट में पटवारी है। बुजुर्ग दंपति की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है।