उत्तराखंड देहरादूनEvery 10th registered voter in Uttarakhand is unemployed

उत्तराखंड में हर 10वां वोटर रजिस्टर्ड बेरोजगार है

युवाओं में हताशा की सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही। प्रदेश में 8 लाख 42 हजार रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं।

Uttarakhand unemployment data: Every 10th registered voter in Uttarakhand is unemployed
Image: Every 10th registered voter in Uttarakhand is unemployed (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या प्रमुख चुनावी मुद्दों में शामिल है। कोरोना महामारी के दौर में ये समस्या और विकराल हो चुकी है। चुनाव के वक्त राजनीतिक दल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन हकीकत में बेरोजगारी दूर करने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए जाते। आलम ये है कि उत्तराखंड का हर दसवां वोटर बेरोजगार है और नौकरी की तलाश में है। युवाओं में हताशा की सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही। प्रदेश में 8 लाख 42 हजार बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं। जबकि पूरे राज्य में कुल 82 लाख वोटर हैं। इनमें से करीब 25 फीसदी मतदाता बुजुर्ग हैं। अगर इन वोटरों को हटा दिया जाए तो राज्य में बेरोजगार वोटरों का आंकड़ा इससे भी ऊपर निकल जाता है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में नौ फीसदी नौकरी योग्य ग्रेजुएट युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 4.0 फीसदी है। सीएमआईई के अनुसार दिसंबर तक उत्तराखंड में रोजगार दर 30.43 फीसदी थी।

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जो कि राष्ट्रीय औसत 37.42 फीसदी से काफी कम है और देश में सबसे नीचे है। इसके बाद गोवा 31.99, उत्तर प्रदेश 32.79 एवं पंजाब 36.86 का स्थान आता है। सरकार और मंत्री बेरोजगारी की वजह कोरोना को बता रहे हैं, हालांकि उससे पहले भी उत्तराखंड में रोजगार के अवसर सीमित थे। लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर गए, जिसके चलते सैकड़ों गांव वीरान हो चुके हैं। चुनाव के दौरान केंद्र और राज्य की ओर से रोजगार के अवसर बढ़ाने के वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नेता जनता से किए वादों को भूल जाते हैं। प्रदेश में रोजगार के नए मौके बढ़ाते हुए अच्छी आय वाली नौकरियों का सृजन राजनीतिक एजेंडे में कहीं नजर नहीं आ रहा, यही वजह है कि प्रदेश का हर दसवां वोटर रोजगार के लिए तरस रहा है। रोजगार को लेकर विपक्षी दल सरकार को घेरते रहे हैं। प्रदेश का युवा भी रोजगार देने की मांग कर रहा है। यह देखने वाली बात होगी कि आगामी चुनाव में इसका कैसे असर पड़ता है।