देहरादून: उत्तराखंड के सबसे अनुभवी नेता Harish Rawat की बात निराली है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरदा का चुनाव प्रचार बाकियों से बेहद अलग और मजेदार है। प्रचार-प्रसार के दौरान वे खुद एक जिज्ञासुक बच्चे बन जाते हैं और जनता के बीच जाकर उनके रंग में ढल जाते हैं। उनके इसी अंदाज के हम सब फैन हैं। ऐसा करके न केवल यह साबित करते हैं कि वाकई वे जनता की नब्ज टटोलना जानते हैं बल्कि वे यह भी साबित करते हैं कि वे आम जन के नेता हैं। एक नेता का धरातल से जुड़े रहना जरूरी है और हरदा इसपर खरे उतरते हैं। अब देखिए न, कभी हरदा हलवाई बन जाते हैं, कभी चाट बनाते हुए नजर आते हैं तो कभी हु तू तू करते हुए युवाओं के साथ कबड्डी खेलने उतर जाते हैं। अब हरदा ने हाथ में बल्ला पकड़ा और बीजेपी को चुनौती दे दी। हरदा ने कहा कि भाजपाइयों और भाजपा के नेताओं मुझसे बहुत खेल रहे हो, मगर तुम्हारे पास क्या रोजगार-रोजगार का खेल नहीं है? हमसे बात करो न कि हमने रोजगार के लिए क्या किया है उत्तराखंड में? भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं, हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया। फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं समझता हूंँ कांग्रेस के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी और किसी मुसलमान भाई ने भी जिस तरीके से नमाज़ की छुट्टी देने की मांग नहीं की, उसी तरीके से मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने की भी मांग नहीं की है। मगर झूठ गढ़ने में आपकी कोई शानी नहीं है, चुनाव के बाद फिर मिलेंगे और इस तरीके के जालसाजी के लिए आपको कहीं न कहीं जवाब देना पड़ेगा। आगे देखिए वीडियो-
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उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होने हैं और उससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कैंपेनिंग के निराले अंदाज एक बार फिर से वायरल हो रहे हैं। हरीश रावत लाल कुआं सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और अपने चुनाव क्षेत्र में जिस तरह से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं वह बाकियों से अलग दिखाई दे रहा है। कभी वह वोट मांगने के दौरान वह हलवाई बन जाते हैं कभी चाट बनाते हुए नजर आते हैं, तो कभी युवाओं के साथ कबड्डी खेलने उतर जाते हैं। हरदा का यह रंग ना केवल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बल्कि युवाओं को भी बेहद आकर्षित कर रहा है। दरअसल उत्तराखंड में कांग्रेस की नैया पार लगाने की एक बड़ी जिम्मेदारी हरीश रावत के सर पर है। इसलिए अंदाज थोड़ा अलग होना लाजमी भी है। सबसे पहले हल्द्वानी में हरीश रावत ने जलेबियां तलीं तो सब हैरान रह गए। दरअसल हरीश रावत हल्द्वानी से कांग्रेस के प्रत्याशी सुमित हृदेश के प्रचार के लिए आए थे, जिसके बाद वह समर्थकों के साथ एक हाट बाजार पहुंच गए और यहां पर उन्होंने सीधे एक हलवाई को खिसका कर जलेबियां बनानी शुरू कर दीं। उसके बाद वहां पर लोगों की भीड़ जुट गई और हरीश रावत सुर्खियों में रहे। इस बार हरदा खुद अपने लिए लाल कुआं विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे और उनको बिन्दुखत्ता में होने वाली एक कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ करना था। अब वहां पर हरीश रावत थे तो यह कार्यक्रम इतना औपचारिक कैसे होता। फिर क्या था, हरीश रावत भी बच्चे बन गए और युवाओं के बीच में जाकर उन्होंने कबड्डी कबड्डी बोलकर लड़कों के साथ कबड्डी खेला शुरू कर दिया। जिसके बाद युवाओं के बीच में भी बेहद उत्साह देखने को मिला। इससे पहले Harish Rawat कांग्रेस के प्रचार के लिए हरिद्वार पहुंचे जहां उन्होंने एक चाट की दुकान पर जाकर चाट बना कर लोगों का दिल जीता था। देखिए वीडियो-