नैनीताल: पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों से हो रही बर्फबारी ने सालों पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। Nainital में snowfall ऐसा हुआ कि लोगों को 70 का दशक याद आ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि नैनीताल में ऐसी बर्फबारी का नजारा साल 1975 से पहले दिखाई देता था। जैसे-जैसे साल बीतते गए, बर्फबारी भी कम होने लगी। साल 1992 में भी नैनीताल में खूब बर्फ गिरी थी, लेकिन जैसा नजारा इस फरवरी में देखने को मिला, वैसा पहले कभी नहीं दिखा। इस बार नैनीताल में मुक्तेश्वर से अधिक बर्फ गिरने से विशेषज्ञ भी हैरान हैं। यहां लगातार जारी बर्फबारी से नैनी झील का जलस्तर बढ़ गया है। पेड़ों पर इतनी बर्फ जमा हुई कि सैकड़ों पेड़ों की टहनियां टूट गईं। नैनीताल के स्टोनले क्षेत्र में डेढ़ फीट और स्नोव्यू में 3 फीट तक बर्फ जमी है, जो रिकॉर्ड है। स्नोव्यू के पास रहने वाले बुजुर्ग गोविंद लाल कहते हैं कि उन्होंने 1975 से पहले नैनीताल में इस तरह की बर्फबारी देखी थी। पिछले कुछ सालों में नैनीताल उस दौर की बर्फबारी देखने के लिए तरस गया था। आगे पढ़िए
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स्नोव्यू के पास रहने वाले बुजुर्ग गोविंद लाल कहते हैं 8 साल पहले भी शहर में खूब बर्फ गिरी थी, लेकिन मात्रा इतनी अधिक नहीं थी। बुजुर्गों के अनुसार शहर में साल 1986, 1992 और साल 2002 में भी खूब बर्फबारी हुई थी। इस साल हुई ताजा बर्फबारी से पर्यटक बेहद खुश हैं। दशकों बाद हुई बर्फबारी में पर्यटकों ने खूब मस्ती की। माल रोड से लेकर तल्लीताल डांठ तक पर्यटकों की भीड़ लगी रही। बर्फबारी के दौरान पर्यटक एक दूसरे पर बर्फ के गोले फेंकते दिखे। जो लोग पिछले कई दिन से बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे, कुदरत ने उनकी मुंह मांगी मुराद पूरी कर दी। हालांकि बारिश और लगातार जारी बर्फबारी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों पर बर्फ जमा होने के कारण दर्जनों वाहन जहां-तहां फंसे हुए हैं। जगह-जगह पेड़ टूटने से बिजली के तार क्षतिग्रस्त हुए हैं। शहर में 36 घंटे से बिजली और पेयजल सप्लाई ठप है। Nainital में snowfall की वजह से जिले की सात सड़कें बंद हैं।