उत्तराखंड देहरादून8 Richter scale earthquake may hit Uttarakhand

उत्तराखंड में विनाशकारी भूकंप का डर, वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी..खतरा अभी टला नहीं

कल ही उत्तरकाशी में जो भूकंप आया था, उस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गई है। भूकंप का केंद्र टिहरी जिले में बताया जा रहा है।

Uttarakhand Earthquake 8 Richter Scale: 8 Richter scale earthquake may hit Uttarakhand
Image: 8 Richter scale earthquake may hit Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में बड़े भूकंप का खतरा है। लगातार आ रहे छोटे छोटे भूकंप कभी भी एक बड़े और विनाशकारी भूकंप का रूप ले सकते हैं। खासतौर से उत्तरकाशी में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। पिछले हफ्ते यहां भूकंप आया था। अब शनिवार तड़के एक बार फिर से जिले के बड़कोट में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आज सुबह करीब पांच बजकर तीन मिनट पर उत्तरकाशी की धरती कांपने लगी। डरे हुए लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने घर के बाहर ही समय बिताया और तेज झटकों से डरे ये लोग घरों में जाने को तैयार ही नहीं थे। राहत इस बात की रही कि भूकंप की तीव्रता कम थी और इससे किसी तरह के नुकसान की खबर फिलहाल नहीं मिली है। बीते शनिवार को भी उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तरकाशी जिले में साल 1991 में भयानक भूकंप आया था। कई जगह तो इस भूकंप के निशान आज भी देखे जा सकते हैं। इस भूकंप के दौरान मस्ताड़ी गांव के सभी मकान ध्वस्त हो गए थे। तब से लेकर आज तक ये गांव धीरे-धीरे जमीन में समा रहा है। पिछले लंबे समय से उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर समेत तमाम पहाड़ी जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। वैज्ञानिक पहले ही चेता चुके हैं कि हिमालयी क्षेत्र पर बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। भूगर्भ वैज्ञानिक, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक भी इस खतरें का पहले ही संकेत दे चुके हैं। कुछ वक्त पहले ही वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान संस्थान की रिसर्च में बड़ी बात सामने आई थी। वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उत्तराखंड में 8 रिक्टर स्केल तक के भूकंप का खतरा है। जमीन के अंदर असीमित ऊर्जा पनप रही है। भू-विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक इस ऊर्जा का आंकलन किया गया है। आगे पढ़िए

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इसके लिए साल 1968 से अब तक आए भूकंपों का अध्ययन किया गया। साथ ही कहा गया कि इंडियन प्लेट भूगर्भ में 14 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से सिकुड़ रही है। इस वजह से ऊर्जा का अध्ययन करना जरूरी था।वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में बड़े भूंकप की आशंका जाहिर की है। ये भूकंप 8 रिक्टर स्केल का भी हो सकता है। इसकी वजह है वो टैक्टोनिक प्लेट, जो धरती के नीचे मौजूद हैं और बड़े विनाश का सबब बन सकती हैं। उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जिसका बड़ा हिस्सा भूकंप के जोन नंबर 5 में आता है।अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग जिले के अधिकांश भाग के अलावा बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले आते हैं। वहीं जो क्षेत्र संवेदनशील जोन चार में हैं उनमें ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिला शामिल है। देहरादून और टिहरी का क्षेत्र दोनों जोन में आता है।वैज्ञानिकों का कहना है कि नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनंदा फॉल्ट में हर वर्ष भूगर्भीय हलचल से साढ़े 4 मिमी धरती उठ रही है। यह भविष्य में 8 रिक्टर स्केल तक का बड़ा भूकंप ला सकता है। भूगर्भीय सक्रियता के कारण श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच धरातल प्रति वर्ष 4 मिलीमीटर उठ रहा है।