उत्तराखंड उत्तरकाशीBad condition of health services in Uttarkashi

गढ़वाल: वोटिंग के बाद दिखी ये शर्मनाक तस्वीर..बर्फीला रास्ता, कंधे पर मरीज, टूटती उम्मीद

ग्रामीण जान हथेली पर रखकर 16 किलोमीटर पैदल चले। तब कहीं जाकर बीमार को अस्पताल पहुंचाया जा सका।

Uttarkashi Health Services: Bad condition of health services in Uttarkashi
Image: Bad condition of health services in Uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी का मुद्दा खूब छाया रहा। जब भी चुनाव आते हैं पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात कही जाती है। कहीं डॉक्टरों की तैनाती तो कहीं अस्पताल खोलने के दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की हकीकत क्या है, इसकी एक बानगी उत्तरकाशी में देखने को मिली। यहां पुरोला में वोटिंग के अगले ही दिन एक आदमी की तबीयत बिगड़ गई। गांव में अस्पताल नहीं था, इसलिए ग्रामीणों ने बीमार व्यक्ति को डंडों के सहारे बांधकर 16 किलोमीटर बर्फीले रास्ते पर चलकर तालुका तक पहुंचाया। बाद में जैसे-तैसे बीमार शख्स को पुरोला के सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। बाद में परिजन बीमार शख्स को हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट ले गए। मामला मोरी ब्लॉक के सुदूरवर्ती ओसला गांव का है। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

गांव में रहने वाले 58 वर्षीय कृपा सिंह बीमार थे। सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई। गांव में न तो रोड है न अस्पताल, ऐसे में ग्रामीणों ने बीमार को सड़क मार्ग तक पहुंचाने के लिए लकड़ी की डंडी तैयार की। मंगलवार को ग्रामीण जान हथेली पर रखकर 16 किलोमीटर पैदल चले। तब कहीं जाकर बीमार को अस्पताल पहुंचाया जा सका। 16 किलोमीटर का सफर तय करने में 6 घंटे से ज्यादा का समय लगा। गांव में रहने वाले विजय राणा ने बताया कि हमारे गांव में संचार, स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं है। समय पर उपचार न मिलने की वजह से ही ग्रामीण की हालत गंभीर हुई। जिसके बाद ग्रामीणों ने डंडी के सहारे किसी तरह मरीज को अस्पताल पहुंचाया। गांव के छह से ज्यादा लोग कई घंटों तक पैदल चले तब कहीं जाकर मरीज को इलाज मयस्सर हो सका। जनप्रतिनिधियों को गांव के हालात बदलने के लिए कुछ करना चाहिए, ताकि इलाज के अभाव में मरीजों की जान न जाए।