उत्तराखंड चमोलीStory of Bhavishya Badri of Uttarakhand

अद्भुत देवभूमि: जब लुप्त हो जाएगा बदरीनाथ धाम, तब यहां दर्शन देंगे भगवान बदरी विशाल

लोगों की मान्यता के अनुरूप भविष्य बदरी में एक शिलाखण्ड पर आश्चर्यजनक रूप से भगवान विष्णु की मूर्ति भी आकारित हो रही है। पढ़िए bhavishya badari story

bhavishya badari story: Story of Bhavishya Badri of Uttarakhand
Image: Story of Bhavishya Badri of Uttarakhand (Source: Social Media)

चमोली: आज बात करते हैं Bhavishya Badri की… शास्त्र कहते हैं कि भू लोक पर अगर बैकुंठ है, तो वो बदरीनाथ है। देवभूमि उत्तराखंड में बसा ये धाम देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। भगवान बदरी विशाल की ये पावन धरती न जाने कितने रहस्यों और कितनी अद्भुत कहानियों का अथाह सागर है। न जाने कितनी जनश्रुतियां ऐसी हैं, जिन्हें सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं।

Story of Bhavishya Badri

इन्हीं में से एक जनश्रुति ऐसी भी है कि एक दिन नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे और भगवान बदरी विशाल के दर्शन करना असंभव होगा। ऐसी स्थिति में भगवान बदरी विशाल के दर्शन भविष्य बदरी में होंगे। इस कहानी का सीधा संबंध जोशीमठ में स्थित भगवान नरसिंह की मूर्ति से भी है। नृसिंह भगवान मूर्ति के सन्दर्भ में ऐसी मान्यता है कि आदिगुरू शंकराचार्य जी जिस दिव्य शालिग्राम पत्थर में नारायण की पूजा करते थे उसमें ऐकाएक भगवान नरसिंह की मूर्ति उभर आयी और उसी क्षण उन्हें नारायण के दर्शन के साथ अद्भूत ज्ञानज्योति प्राप्त हुई। भगवान नारायण ने उन्हें नरसिंह रूप के रौद्र रूप की जगह शांत रूप का दर्शन दिया, तभी से लोक मंगलकारी नारायण का शांत रूप मूर्ति जन आस्था के रूप में विख्यात है। आगे पढ़िए

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भगवान बदरीनाथ के कपाट बन्द हो जाने के बाद उनकी मूर्ति को जोशीमठ लाकर हिमकाल यानी 6 महीने तक इसी मंदिर में पूजा की जाती है। मान्यता है कि जोशीमठ में स्थित नृसिंह भगवान की मूर्ति का एक हाथ साल-दर-साल पतला होता जा रहा है। स्थल पुराण के अनुसार जिस दिन ये हाथ अलग हो जाएगा उस दिन नर और नारायण पर्वत यानी जय-विजय पर्वत आपस में मिल जाएंगे और उसी क्षण से बदरीनाथधाम का मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा। ऐसे में भक्त बदरीनाथके दर्शन नहीं कर पाएंगे। स्थल पुराण के अनुसार भविष्य में भविष्यबदरी नामक नए तीर्थ का उद्गम होगा और यहीं भगवन बदरी विशाल अपने दर्शन देंगे। भविष्य बदरी के संदर्भ में लोगों की मान्यता के अनुरूप भविष्य बदरी में एक शिलाखण्ड पर आश्चर्यजनक रूप से भगवान विष्णु की मूर्ति भी आकारित हो रही है। तो भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है? ये तो कोई नहीं जानता। इतना जरूर है कि भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम की हर कथा, हर जनश्रुति और हर जगह अपने आप में कई राज समेटे हुए है। Story of Bhavishya Badri आपको कैसी लगी? जरूर बताएं