उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालLeopard family in Pauri Garhwal

पौड़ी गढ़वाल के लोग सावधान रहें..गली, मोहल्ले, सड़कों में घूम रहा है गुलदार का परिवार

शहरी क्षेत्र में गुलदार दिखने के बाद वन विभाग ने जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में पिंजरा लगाने के साथ ही ट्रैप कैमरे लगाए हैं।

Pauri Garhwal Leopard News: Leopard family in Pauri Garhwal
Image: Leopard family in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में गुलदार की दहशत बनी हुई है। कभी जंगलों तक सीमित रहने वाले गुलदार अब आबादी वाले क्षेत्रों में घूमते नजर आते हैं। गुलदार, बाघ और हाथियों के हमलों में अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पौड़ी से लेकर पिथौरागढ़ तक हर जिले में लोग वन्यजीवों के डर के साए में जीने को मजबूर हैं।

Leopard family in Pauri Garhwal

बात करें पौड़ी जिले की तो यहां पिछले दिनों जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में गुलदार का परिवार घूम रहा है। यहां मादा गुलदार को अपने दो शावकों के साथ घूमते देखा गया। क्षेत्र में मादा गुलदार और उसके शावकों की बढ़ती धमक के बाद हरिद्वार डिवीजन व राजाजी नेशनल पार्क से एक विशेष टीम बुलाई गई। इस टीम को मादा गुलदार और शावकों को ट्रैंकुलाइज करने की जिम्मेदारी दी गई। बीते रविवार की रात को टीम ने गश्त अभियान चलाया, लेकिन विशेषज्ञों की टीम को गुलदार कहीं भी नजर नहीं आया। जिससे गुलदार व उसके शावक ट्रैंकुलाइज नहीं हो पाए। गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए वन विभाग ने 4 टीमें बनाकर गश्त की थी। आगे पढ़िए

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पौड़ी जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में बीती 16 फरवरी से एक मादा गुलदार अपने दो शावकों के साथ दिखाई दे रही है। शहरी क्षेत्र में गुलदार दिखने के बाद से ही वन विभाग ने जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी में पिंजरा लगाने के साथ ही ट्रैप कैमरे लगाए हैं। क्षेत्र में गुलदार के लगातार दिखने से लोग डरे हुए हैं। वह शाम होने से पहले ही घरों में कैद हो जाते हैं। गुलदार की आवाजाही बढ़ने पर वन विभाग ने गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए राजाजी नेशनल पार्क से वाइल्डलाइफ पशुचिकित्सक राकेश नौटियाल व हरिद्वार डिवीजन से डॉ. अमित ध्यानी को बुलाया है। रविवार की रात को 4 टीमों ने गुलदार और शावकों की खोज की, लेकिन गुलदार कहीं भी नजर नहीं आया। वाइल्डलाइफ पशुचिकित्सक राकेश नौटियाल व डा.अमित ध्यानी ने कहा कि शहर में उगी झाड़ियां व जगह-जगह फैले कूड़े से गुलदार को भोजन मिल जाता है। जिससे गुलदार झाड़ियों में रहने लगता है। उन्होंने शहरवासियों से अपने आसपास कूड़ा न फैलाने व झाड़ियों को साफ करने की अपील की । उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम ने गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए गश्त की थी, लेकिन गुलदार नहीं दिखा। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने को कहा है।