उत्तराखंड देहरादूनBJP plan B to form government in Uttarakhand

उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए BJP ने बनाया प्लान ‘B’, शुरू हो गया असली खेल

राज्य में किसकी सरकार बनेगी, ये भले ही 10 मार्च को तय होगा, लेकिन बीजेपी अभी से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

Uttarakhand Assembly Elections: BJP plan B to form government in Uttarakhand
Image: BJP plan B to form government in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे, लेकिन उससे पहले तमाम एजेंसियों ने एग्जिट पोल के नतीजे जारी करने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम सियासी दलों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। राज्य में किसकी सरकार बनेगी, ये भले ही 10 मार्च को तय होगा, लेकिन बीजेपी अभी से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

BJP plan B to form government in Uttarakhand

बहुमत न मिला तो बीजेपी प्लान-बी पर काम करेगी। जिसके तहत निर्दलीयों को पाले में लाने पर फोकस रहेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय दून में डेरा डाले हुए हैं। दो मजबूत निर्दलीयों से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि रविवार को विजयवर्गीय ने यमुनोत्री के निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल और केदारनाथ के कुलदीप सिंह से मुलाकात की। सियासी हलचल के बीच यूकेडी के देवप्रयाग प्रत्याशी दिवाकर भट्ट भी प्रेस कांफ्रेंस स्थगित कर अचानक दिल्ली रवाना हो गए हैं, उनके दिल्ली दौरे को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के दावे कर रही है, लेकिन तमाम जिताऊ निर्दलीयों और बीएसपी-यूकेडी के उम्मीदवारों पर भी पार्टी की नजर है। यमुनोत्री से निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल ने कहा कि उनसे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं ने संपर्क किया है। अगर, नतीजे पक्ष में रहे तो क्षेत्र की जनता से राय-मशविरा करने के बाद ही समर्थन देने का विचार किया जाएगा। वहीं देवप्रयाग से यूकेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दिवाकर भट्ट ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने उत्तराखंड के साथ छलावा किया। उक्रांद राज्य को बचाने की लड़ाई लड़ेगा। समर्थन के मुद्दे पर इस बार उक्रांद तटस्थ रहेगा। बता दें कि बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को तोड़फोड़ में माहिर माना जाता है। साल 2016 में उन्होंने हरीश रावत सरकार के 9 विधायकों को अपने पाले में लाने में अहम भूमिका निभाई। अब उनके चुनाव रिजल्ट से ठीक पहले दून पहुंचने के बाद कांग्रेस भी अपने किलेबंदी को मजबूत करने में जुट गई है।