उत्तराखंड अल्मोड़ाAlmora Dhaspad village gets first place in National Water Awards

उत्तराखंड का धसपड़ गांव को देश में मिला पहला स्थान, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया सम्मान

Almora के Dhaspad Village में पानी की कमी से खेती नहीं हो पा रही थी। लेकिन आज इस गांव ने National Water Awards में पहला स्थान पाया है।

Almora Dhaspad Village: Almora Dhaspad village gets first place in National Water Awards
Image: Almora Dhaspad village gets first place in National Water Awards (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: जल ही जीवन है। कितने हैरत की बात है कि हमारा जीवन पानी पर टिका है, लेकिन हम इसके संरक्षण की बहुत ज्यादा परवाह नहीं करते।

Almora Dhaspad Village got National Water Awards

अल्मोड़ा का धसपड़ गांव भी पानी की किल्लत से जूझ रहा था। गांव में क्योंकि पानी की कमी थी, इसलिए खेती नहीं हो पा रही थी, नौजवान पलायन करने को मजबूर थे। लेकिन इस गांव ने हार नहीं मानी और जल उपयोग के मामले में खुद को आत्मनिर्भर बनाया। राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में ग्राम पंचायत धसपड़ को पहला स्थान मिला है। इस तरह कभी पानी की कमी से जूझने वाला ये गांव आज पूरे देश के लिए एक नजीर बन गया है। धौलादेवी ब्लॉक के धसपड़ गांव में 40 परिवार रहते हैं। सवा दो सौ की आबादी वाले इस गांव को राष्ट्रपति के हाथों प्रथम पुरस्कार मिलने पर लोगों में हर्ष का माहौल है। धसपड़ गांव ने ग्राम्या की सहभागिता से जल संवर्धन, कृषि, बागवानी और फूलों की खेती के जरिए मिसाल कायम की है।

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उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना के माध्यम से यहां सौर ऊर्जा संचालित पंप लगाया गया, जिसके माध्यम से आज गांव जल उपयोग के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है। लोगों ने व्यवसायिक खेती करनी शुरू कर दी है। एक दर्जन से ज्यादा युवा महानगरों से गांव लौट कर फूलों की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। गांव के 3 दर्जन से अधिक परिवार पारंपरिक खेती छोड़ कर आत्मनिर्भर बन गए हैं। ग्राम्या अल्मोड़ा के उप परियोजना निदेशक डॉ. शिव कुमार उपाध्याय कहते हैं कि धसपड़ को तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में पहला स्थान मिलना उत्तराखंड राज्य के लिए गौरव की बात है। ग्रामीणों का सामूहिक प्रयास और इच्छाशक्ति सराहनीय है। अन्य पंचायतों के लिए भी यह पुरस्कार प्रेरणादायक होगा। Dhaspad Village की दिशा और दशा बदलने में ग्रामीण परियोजना के सभी अधिकारियों, सहयोगी विभागों और ग्रामीणों की सहभागिता का उल्लेखनीय योगदान रहा है।