उत्तराखंड देहरादूनInfighting with BJP on 23 assembly seats in Uttarakhand

उत्तराखंड: 23 विधानसभा सीटों पर BJP ने लगाया भीतरघातियों का पता, अब होगी कड़ी कार्रवाई

जिन सीटों पर भीतरघात करने वालों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। वहां संबंधित पदाधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा।

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Image: Infighting with BJP on 23 assembly seats in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: चुनाव खत्म होने के बाद राजनीतिक पार्टियां अपनी नाकामियों पर मंथन कर रही हैं। पिछले दिनों कांग्रेस ने भीतरघातियों के खिलाफ सफाई अभियान चलाते हुए कई नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की।

Infighting with BJP on 23 assembly seats

अब बीजेपी भी भीतरघातियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। इस बार बीजेपी दोबारा सत्ता में तो आई लेकिन पार्टी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। सीएम भी चुनाव नहीं जीत सके। बीजेपी ने हार की वजह ढूंढ ली है। 23 में से कुछ सीटों पर भीतरघात को बीजेपी की नाकामी की बड़ी वजह बताया जा रहा है। पार्टी के समीक्षकों ने इसे लेकर रिपोर्ट तैयार की है, जिसके आधार पर पार्टी आगे की रणनीति तय कर सकती है। माना जा रहा है कि भीतरघातियों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी। साल 2017 के मुकाबले इस बार बीजेपी को 10 सीटों का लॉस हुआ है। सीएम धामी भी अपनी सीट गंवा बैठे, जो कि बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। सरकार गठन के बाद बीजेपी ने 23 सीटों की समीक्षा के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया और हारी हुई विधानसभा सीटों में भेजा।

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लगभग सभी समीक्षा अधिकारी हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार हो चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यमुनोत्री, हरिद्वार ग्रामीण, किच्छा और नानकमत्ता में भीतरघात हार की बड़ी वजह बना। खटीमा के अलावा लक्सर सीट पर भीतरघात के साथ ही संवादहीनता की बात सामने आई है। एक जिलाध्यक्ष का तो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ ऑडियो सबूत के तौर पर मिला है। जसपुर, मंगलौर, ज्वालापुर, पिरान कलियर, झबरेड़ा और हल्द्वानी में ध्रुवीकरण होने से पार्टी प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। ज्यादात्तर सीटों पर संवादहीनता को हार की वजह माना जा रहा है। जिन सीटों पर भीतरघात करने वालों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। वहां संबंधित पदाधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा। संतुष्ट न होने पर ऐसे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। हार के कारणों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। जिसे अनुशासन समिति को भेजने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।