उत्तराखंड किच्छाGirl found without clothes at Kichha railway station

शर्मनाक! उत्तराखंड में रेलवे स्टेशन पर बिना कपड़ों के मिली किशोरी, किसी ने नहीं की मदद

Uttarakhand के Kichha railway station पर without clothes के Girl मिली। मदद के लिए कोई नहीं आया आगे।

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Image: Girl found without clothes at Kichha railway station (Source: Social Media)

किच्छा: महिलाओं की सुरक्षा की बात बहुत से लोग करते हैं।

Girl found without clothes at Kichha railway station

सरकार भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कड़े कदम उठा रही है। मगर महिलाओं के प्रति घटिया मानसिकता वाले लोग अभी कम नहीं हुए हैं। सरकारी विभागों को जहां एक ओर महिलाओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए उन्हीं विभागों में काम करने वाले लोग उनकी मदद भी करने नहीं आते और दूर से ही मुंह मोड़ लेते हैं। महिला सुरक्षा और देखभाल के लिए बनाए गए सरकारी विभाग ऐन मौके पर काम न आएं तो इसे बड़ी लापरवाही ही मानी जाएगी। किच्छा रेलवे स्टेशन पर एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां पर एक किशोरी बिना कपड़ों के संदिग्ध अवस्था में मिली थी। मगर किसी ने भी उस लड़की की मदद नहीं की। आश्चर्य की बात तो यह है कि उस वक्त वहां पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम भी मौजूद थी लेकिन कठोर हृदय वालों का दिल लड़की को देख कर नहीं पिघला। सरकारी विभाग के जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। यह तक कि इंसानियत के नाते उसकी मदद तक नहीं की। आगे पढ़िए

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यह बात चाइल्ड लाइन समन्वयक शायरा बानो ने कलेक्ट्रेट में महिलाओं से जुड़े विभागों की समीक्षा बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा के सामने रखी। शायरा बानो ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 अप्रैल को फोन पर किच्छा रेलवे स्टेशन पर बिना कपड़ों के संदिग्ध अवस्था में बेहोश पड़ी हुई लड़की के मिलने की सूचना मिली थी।जब वह मौके पर पहुंची तो जीआरपी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने सहयोग नहीं किया। वहीं उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील और गंभीर मुद्दों पर इस तरह की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने इस पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की मातृशक्ति को शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा का पूरा अधिकार है और यह अधिकार उनसे कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की शिकायतों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश पुलिस को दिए।