उत्तराखंड उत्तरकाशीHotel owners of Yamunotri region warned of closure of business

चारधाम यात्रा: कहां ठहरेंगे यात्री? होटल मालिकों ने दी कारोबार बंद करने की चेतावनी..जानिए क्यों

Yamunotri region के Hotel owners ने business closure की चेतावनी दे दी है..जानिए क्यों

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Image: Hotel owners of Yamunotri region warned of closure of business (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: प्रदेश में 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा, लेकिन यात्रा शुरू होने से ठीक पहले राज्य सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने चारधाम क्षेत्र में सेवाएं देने वाले व्यापारियों को नाराज कर दिया है।

Hotel owners of Yamunotri warned of closure of business

दरअसल सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान हर धाम में प्रतिदिन के हिसाब से यात्रियों की संख्या तय कर दी है। हर दिन सीमित श्रद्धालुओं को ही चारधाम में दर्शन की अनुमति दी जाएगी। बस इसी फैसले का व्यापारी विरोध कर रहे हैं। सरकार ने श्रद्धालुओं की भीड़ को ऋषिकेश में ही रोकने का प्लान बनाया है ताकि केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ में अनावश्यक भीड़ न हो। सीमित यात्रियों को ही यात्रा के लिए आगे भेजा जाएगा। यमुनोत्री धाम क्षेत्र के होटल व्यवसायी इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या सीमित किए जाने से उनके व्यवसाय पर असर पड़ेगा। आगे पढ़िए

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कोरोना काल में पिछले दो साल से कारोबार वैसे ही ठप रहा। इस बार कुछ बेहतरी की उम्मीद थी, लेकिन सरकार के फैसले ने पर्यटन व्यापारियों को निराश करने का काम किया है। होटल व्यवसायियों ने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करेगा। कारोबारियों ने यात्रियों की संख्या सीमित किए जाने के फैसले को वापस न लेने पर अपने होटल बंद करने की चेतावनी भी दी है। आपको बता दें कि 3 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। रोजाना दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या भी तय कर दी गई है। बदरीनाथ धाम में हर दिन 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इसी तरह केदारनाथ में हर दिन 12 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी। गंगोत्री में प्रतिदिन 7 हजार और यमुनोत्री में 4 हजार तीर्थ यात्री दर्शन कर सकेंगे। सचिव धर्मस्व की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, यह व्यवस्था यात्रा के शुरुआती 45 दिन के लिए तय की गई है।