रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा का विशेष धार्मिक महत्व है, लेकिन यात्रा के दौरान अगर स्वास्थ्य का ध्यान न रखा जाए तो गंभीर नतीजे भी भुगतने पड़ सकते हैं।
13 died in Uttarakhand char dham yatra 2022
बेहद अफसोस की बात है कि बीते एक हफ्ते में चारधाम यात्रा पर आए 13 तीर्थ यात्रियों का असामायिक निधन हो गया। अभी चारधाम यात्रा की शुरुआत ही हुई है, लेकिन गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ सहित बदरीनाथ धाम से लगातार दुखद खबरें आ रही हैं। देश-विदेश के श्रद्धालु हजारों की तादाद में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। चिंता की बात ये है कि स्वास्थ्य की अनदेखी और लापरवाही से श्रद्धालुओं की जान जा रही है। एक बात का ध्यान रखें कि अपने साथ स्वास्थ्य संबंधी किट रखना न भूलें। केदारनाथ धाम में यात्रा के तीन दिनों के भीतर अलग-अलग वजहों से चार यात्रियों की मौत हो गई। जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से मिली सूचना के मुताबिक 6 मई को रात एक बजे मध्य प्रदेश के रहने वाले 61 वर्षीय दिलासाराम पुत्र जय नारायण की अचानक मौत हो गई। आगे पढ़िए
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7 मई की सुबह भी बुरी खबर आई। यूपी के बुलंदशहर से केदारनाथ धाम पहुंची 62 वर्षीय उर्मिला गर्ग पत्नी त्रिलोकी नाथ गर्ग भी अचानक चल बसीं। इसी दिन 46 वर्षीय प्रवीण सैनी पुत्र रमेश कुमार निवासी गुडगांव की भी गौरीकुंड बस अड्डे के पास पैर फिसलकर खाई में गिरने से मौत हो गई। 8 मई को जीत सिंह पुत्र देवेंद्र सिंह निवासी गाजियाबाद, यूपी के निधन की खबर आई। रविवार को यमुनोत्री धाम जाते वक्त मुंबई के एक यात्री की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई। मृतक की पहचान जगदीश मीठा दुबे (60) पुत्र मीठा लाल दुबे के रूप में हुई। वो मुंबई में रहते थे। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। बता दें कि बीती तीन मई से आठ मई रविवार तक यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर नौ तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो चुकी है। पिछले छह दिनों में नौ तीर्थ यात्रियों की विभिन्न कारणों से मौत हो गई है। Uttarakhand Char Dham Yatra यात्रा आकर्षित तो करती है, लेकिन यात्रा के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना भी जरूरी है। इसलिए यात्रा पर जाने से पहले मेडिकल चेकअप जरूर कराएं। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मेडिकल हेल्प लेने से न झिझकें।