उत्तराखंड देहरादूनAction on minor students driving vehicles in Uttarakhand

उत्तराखंड: 18 साल से कम उम्र के बच्चे बाइक चलाते दिखे तो खैर नहीं, मां-पिता पर होगी कार्रवाई

बिना हेलमेट दुपहिया दौड़ा रहे 9वीं से 12वीं के छात्र, अब अभिभावकों और वाहन मालिक पर होगी कार्रवाई, तीन साल की सजा का भी प्रविधान।

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Image: Action on minor students driving vehicles in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: अक्सर आपने देखा होगा कि कक्षा नौ से 12वीं तक के नाबालिग छात्र सड़क पर फर्राटे से वाहन चला रहे हैं। यहां तक कि वो हेलमेट का भी प्रयोग नहीं कर रहे।

Action on minor students driving vehicles

यानी जो उम्र भविष्य की नींव पक्की करने की होती है, उस उम्र में छात्र खतरों के खिलाड़ी बनकर सड़कों पर दोपहिया दौड़ा रहे हैं। इन छात्रों को जान की भी परवाह नहीं। ये नौ से 12वीं तक के तमाम नाबालिग छात्र वाहन चलाते समय हेलमेट का भी प्रयोग नहीं कर रहे। अब संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) सुनील शर्मा ने इस पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों को चेतावनी भी जारी की है। ऐसे मामलों में अभिभावकों को दोषी माना जाएगा या फिर वाहन स्वामी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। आगे पढ़िए

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संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ने कहा कि छात्रों के यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में नए मोटर व्हीकल एक्ट और आइपीसी की सुसंगत धाराओं में अभिभावकों को दोषी माना जाएगा। वाहन स्वामी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस तरह के मामलों में 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा का प्रावधान है। जुवेनाइल एक्ट के तहत ऐसे मामलों में अभियोग भी चलाया जाएगा। नियमों के मुताबिक अगर नाबालिग बच्चे से कोई दुर्घटना हो जाती है तो बीमा का क्लेम भी नहीं दिया जाएगा। साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन 12 माह के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। संभागीय परिवहन अधिकारी ने अभिभावकों को सलाह दी है कि नाबालिग बच्चों को दोपहिया वाहन चलाने की अनुमति न दें। साथ ही उन पर कड़ी नजर भी रखें।