उत्तराखंड उत्तरकाशीDrone reached Dehradun in 88 minutes with test sample from Uttarkashi

उत्तराखंड में पहली बार: उत्तरकाशी से टेस्ट सैंपल लेकर 88 मिनट में देहरादून पहुंचा ड्रोन

रेडक्लिफ लैब्स की शानदार पहल से पहाड़ में ड्रोन से स्वास्थ्य सुविधाएं देने की राह आसान हो जाएगी।

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Image: Drone reached Dehradun in 88 minutes with test sample from Uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: चिकित्सा क्षेत्र में नई तकनीक के इस्तेमाल में उत्तराखंड को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाने के लिए पहली बार ड्रोन की मदद ली गई।

Drone reached Dehradun with test sample from Uttarkashi

टेस्ट सैंपल को उत्तरकाशी से देहरादून तक पहुंचाने में ड्रोन बड़ा मददगार साबित हुआ। उत्तरकाशी से देहरादून के बीच की दूरी 144 किलोमीटर है। सामान्य परिस्थितियों में ये दूरी छह से आठ घंटे में तय होती है। भूस्खलन होने पर 12 घंटे भी लग सकते हैं, लेकिन ड्रोन ने उत्तरकाशी से दून के बीच का 60 किलोमीटर का हवाई सफर महज 88 मिनट में पूरा किया। ड्रोन सेवा की शुरुआत रेडक्लिफ लैब्स ने की है। रेडक्लिफ लैब्स पहाड़ी इलाकों में मुश्किल परिस्थितियों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाने के लिए ड्रोन सेवा देने पर काम कर रही है। इसके तहत पहली बार ड्रोन ने बड़ा सफर तय करते हुए उत्तरकाशी से देहरादून में सैंपल पहुंचाया। अब दस जून से रेडक्लिफ लैब्स यहां रोजाना दो ड्रोन उड़ानें शुरू करने जा रही है।

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रेडक्लिफ लैब्स की ओर से ड्रोन के माध्यम से नियमित पैथोलॉजी टेस्ट, एडवांस्ड जेनेटिक स्क्रीनिंग, प्रजनन स्वास्थ्य में रिसर्च आधारित डीएनए परीक्षण, कैंसर और स्वास्थ्य, फिटनेस आदि की सुविधाएं दी जाएंगी। रेडक्लिफ ने देहरादून से उत्तरकाशी के बीच कॉमर्शियल बीवीएलओएस ड्रोन उड़ानें शुरू की हैं। सेवा की शुरुआत स्काई एयर के साथ मिलकर की गई है। रेडक्लिफ लैब्स ने 19 मई को उत्तरकाशी-देहरादून के लिए सुदूर पहाड़ियों में अपना पहला कॉमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोला। रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक धीरज जैन ने बताया कि पांच किलो क्षमता वाला ड्रोन ज्ञानसू उत्तरकाशी से देहरादून के विवेक विहार तक सैंपल लेकर महज 88 मिनट में पहुंच गया। अब दस जून से रोजाना सैंपल कलेक्शन के लिए दो उड़ानें दून-उत्तरकाशी के बीच संचालित होंगी। ड्रोन उत्तरकाशी जाकर सैंपल लेकर दून पहुंचेंगे। यहां उसी दिन जांच होने के बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस शुरुआत से आने वाले दिनों में पहाड़ में ड्रोन से स्वास्थ्य सुविधाएं देने की राह आसान हो जाएगी।