उत्तराखंड देहरादूनpeople will be able to see land online In Uttarakhand

उत्तराखंड में प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए गुड न्यूज, अब घर बैठे देखिए मनपसंद लोकेशन की जमीन

जमीन खरीद से जुड़े न जाने कितने सवाल हमें अक्सर परेशान करते हैं, इन सवालों का जवाब अब आप सिर्फ एक क्लिक में जान सकेंगे।

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Image: people will be able to see land online In Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: जमीन खरीदते वक्त हमारे मन में कई सवाल होते हैं। मनपसंद लोकेशन पर जमीन उपलब्ध है या नहीं, सर्किल रेट क्या होगा, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस कितनी होगी, ऐसे ही न जाने कितने सवाल हमें अक्सर परेशान करते हैं, इन सवालों का जवाब अब आप सिर्फ एक क्लिक में जान सकेंगे।

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इसके लिए निबंधन विभाग भौगोलिक सूचना प्रक्रिया (जीआईएस) का सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद उत्तराखंड में जमीन खरीदने के लिए आपको कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। लोग घर बैठे एक क्लिक में आसानी से प्रदेश में कहीं भी मनपसंद लोकेशन पर जमीन देख सकेंगे। जीआईएस सॉफ्टवेयर जल्द ही लांच किया जाएगा। यहां पर उपभोक्ताओं को सर्कल रेट, स्टांप ड्यूटी के अलावा कहां कितनी जमीन बिक रही है, दाम क्या चल रहे हैं, लोकेशन कैसी है, आसपास शांत इलाका है या बाजार, लोग कहां जमीन खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं, जैसी तमाम जानकारियां भी मिलेंगी।

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इससे गांव में बैठकर भी आसानी से शहरों में मौजूद जमीनों को देखा जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर में गूगल मैप की तरह ही जमीन दिखेगी। उदाहरण के लिए अगर पिथौरागढ़ में रहने वाले किसी शख्स को देहरादून में जमीन खरीदनी है तो उसे 500 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। आवाजाही में हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सॉफ्टवेयर लांच होने पर ये परेशानी हल हो जाएगी। खरीददार को जमीन देखने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सॉफ्टवेयर पर लगभग 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर की तैयारी से लेकर लॉन्च करने और इसका संचालन कराने के लिए नैनीताल जिले के सहायक महानिरीक्षक उपनिबंधन को नोडल अधिकारी बनाया गया है। हल्द्वानी के सब रजिस्ट्रार अतुल कुमार शर्मा ने बताया कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत विशेष सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा है। यह सुविधा लांच होते ही प्रदेश में लोग कहीं से भी किसी भी जिले में जमीन देख सकेंगे। इससे लोगों को सहूलियत मिलेगी। जमीन खरीदने के लिए शहर-शहर भटकने की जरूरत नहीं रहेगी।