उत्तराखंड रुद्रप्रयागTheft in Kedarnath Bhukunt Bhairavnath Temple

लीजिए: अब केदारनाथ में भी घुस आए चोर, भुकुंट भैरवनाथ मंदिर में हुई चोरी..गुस्से में पुरोहित

असमाजिक तत्वों ने दानपात्र का ताला तोड़कर उसमें रखी नगदी उड़ा ली। इस घटना ने केदारनाथ में सुरक्षा के इंतजामों पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

kedarnath bhairavanath theft : Theft in Kedarnath Bhukunt Bhairavnath Temple
Image: Theft in Kedarnath Bhukunt Bhairavnath Temple (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में इंसान तो क्या भगवान का ‘घर’ तक सुरक्षित नहीं रह गया है। देवस्थल-मंदिर चोरों और असामाजिक तत्वों के निशाने पर हैं। मंदिरों में चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

Theft in Kedarnath Bhukunt Bhairavnath Temple

ताजा मामला रुद्रप्रयाग स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ धाम से जुड़ा है। जहां भुकुंट भैरवनाथ मंदिर के दानपात्र से रुपये चोरी कर लिए गए। तीर्थ पुरोहितों ने घटना पर रोष जताते हुए अराजक तत्वों के खिलाफ पुलिस चौकी में तहरीर दी है। पंच पंडा रुद्रपुर केदारनाथ ने पुलिस चौकी में तहरीर देकर चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पंच पंडा रुद्रपुर केदारनाथ के अध्यक्ष अमित शुक्ला और सचिव पंकज शुक्ला ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि भुकुंट भैरवनाथ मंदिर में पंच पंडा समाज द्वारा एक दान पात्र रखा हुआ है, जिसमें श्रद्धालु अपनी भेंट अर्पित करते हैं। शनिवार के दिन वह दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे तो, वहां दान-पात्र का ताला टूटा मिला।

ये भी पढ़ें:

साथ ही दान पात्र में रखी राशि भी गायब थी। उन्होंने पुलिस से मामले में जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने को भी कहा, ताकि इस तरह की घटनाओं को होने से रोका जा सके। आपको बता दें कि उत्तराखंड के मंदिरों में चोरी का ये पहला मामला नहीं है। ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं में गुस्सा है। बीते दिनों केदारनाथ में शीतकाल के दौरान होने वाली चोरियों का मामला खूब सुर्खियों में रहा था। शीतकाल के बाद जब लोग केदारघाटी स्थित अपने घरों में पहुंचे तो घरों के ताले टूटे हुए मिले। जरूरी सामान चोरी हो चुका था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस ने इसके लिए भालू को जिम्मेदार बताकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी। कहा कि मकानों में चोरी भालू कर रहा है, इस अजीबोगरीब तर्क को लेकर रुद्रप्रयाग पुलिस की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना भी हुई थी।