उत्तराखंड टिहरी गढ़वालDeath of Neetu Devi of Chamoli in Devprayag hadsa

गढ़वाल में दुखद हादसा: गहरी खाई में गिरी कार..मां की मौत, पिता-बेटा गंभीर रूप से घायल

हादसे के वक्त कार में पति-पत्नी और उनका 17 वर्षीय बेटा सवार था। तीनों को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, जहां महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई।

karnprayag car fell in trench : Death of Neetu Devi of Chamoli in Devprayag hadsa
Image: Death of Neetu Devi of Chamoli in Devprayag hadsa (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: रविवार को उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गई।

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हाईवे पर एक टेंपो ट्रैवलर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 लोग घायल हुए हैं। इसी तरह श्रीनगर गढ़वाल से भी एक हादसे की खबर आई है। यहां चमोली से देहरादून जा रही एक स्विफ्ट कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार सवार महिला की मौत हो गई। हादसे के वक्त कार में पति-पत्नी और उनका 17 वर्षीय बेटा सवार था। तीनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवप्रयाग ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला का पति और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हैं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसा देवप्रयाग से आगे सैनिक होटल के समीप हुआ। जानकारी के मुताबिक कार में सवार 40 वर्षीय भूपेंद्र सिंह अपनी पत्नी नीतू देवी (38) और 17 वर्षीय बेटे आयुष के साथ चमोली से देहरादून जा रहे थे। तभी देवप्रयाग में उनकी स्विफ्ट कार गहरी खाई में जा गिरी।

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हादसे के वक्त कार को भूपेंद्र सिंह चला रहे थे। बताया जा रहा है कि ड्राइविंग के दौरान उन्हें झपकी आ गई थी, जिसके चलते कार हादसे का शिकार हो गई। हादसे के बाद कार में सवार तीनों लोग गंभीर रूप से (पति-पत्नी और बेटा) घायल हो गए। जिनको प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, देवप्रयाग ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला के पति और बेटे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आपको बता दें कि मई महीने की शुरुआत में भी देवप्रयाग में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां एक कार खाई में गिर गई थी। हादसे में पति-पत्नी, दो बच्चों और एक युवती की मौत हो गई थी। हादसा तोताघाटी के पास हुआ। जिस जगह कार खाई में गिरी वहां की भौगोलिक स्थिति इतनी चुनौतिपूर्ण है कि रेस्क्यू के लिए राफ्ट मंगानी पड़ी थी। 11 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कहीं जाकर शव सड़क तक लाए जा सके थे।

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