उत्तराखंड कोटद्वारKotdwar will be named Kanvadwar

..तो कोटद्वार का नाम बदलने वाला है, विधायक ऋतु खंडूरी ने बताया नया नाम

पतंजलि योगपीठ की मदद से कोटद्वार के ऐतिहासिक स्थलों को विश्वस्थली के तौर पर विकसित किया जाएगा। आगे पढ़िए

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Image: Kotdwar will be named Kanvadwar (Source: Social Media)

कोटद्वार: उत्तराखंड के कोटद्वार क्षेत्र को अब कण्वद्वार के नाम से जाना जाएगा।

Kotdwar will be named Kanvadwar

भरत जन्मस्थली, क्रीड़ा स्थली, माता शकुन्तला की साधना स्थली, कालिदास की साहित्य रचना स्थली और सिद्धबली क्षेत्र को शासन और पंतजलि योगपीठ के साथ मिलकर विश्वस्थली के तौर पर विकसित किया जाएगा। ये बात विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने हरिद्वार में हुए एक कार्यक्रम में कही। शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी पतंजलि योगपीठ पहुंचीं, जहां उन्होंने पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात की। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने ऋतु भूषण खंडूड़ी का पुष्पगुच्छ एवं रुद्राक्ष माला भेंट कर भव्य स्वागत किया। मुलाकात के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने चरक ऋषि की कर्मस्थली चरकडांडा और कण्वाश्रम के प्राचीन वैभव और भव्यता को पुनः प्रतिष्ठापित करने पर विचार विमर्श किया। आगे पढ़िए

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विधानसभा अध्यक्ष और कोटद्वार विधायक ऋतु भूषण खंडूड़ी ने पतंजलि योगपीठ स्थित विविध प्रकल्पों का भ्रमण कर पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों का जायजा लिया। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी का पतंजलि से अनन्य प्रेम रहा है। ऋतु भूषण खंडूड़ी भी अपने पिता की तरह निर्भीक व यशस्वी नेत्री हैं। अब पतंजलि योगपीठ उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर कोटद्वार को सिद्धबली के क्षेत्र कण्वद्वार के रूप में विकसित करने का बड़ा कार्य करेगा। भारत के प्राचीन वैभव को फिर से प्रतिष्ठापित करने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे। पतंजलि योगपीठ भारत की प्राचीन संस्कृति, परम्परा के सरंक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में बड़े कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में कोटद्वार के ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने और उन्हें पहचान दिलाने का कार्य किया जाएगा।