उत्तराखंड चमोलीin Chamoli Asphalt of Badamgarh bridge is crumbling

गढ़वाल: रक्षा मंत्री राजनाथ ने किया था इस पुल का उद्घाटन, 6 महीने में ही बाहर निकल आए सरिये

ये है विकास का हाल, 6 महीने पहले राजनाथ सिंह ने चमोली में किया था जिस पुल का उद्घाटन, उसकी उखड़ने लगी रोड़ी

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Image: in Chamoli Asphalt of Badamgarh bridge is crumbling (Source: Social Media)

चमोली: अब ऐसी खबरें पढ़कर हैरानी नहीं होती, बल्कि पहाड़ों की किस्मत को देखकर दुख होता है।

Asphalt of Badamgarh bridge is crumbling

विकास और झूठे दावों की आड़ में देवभूमि के पहाड़ों के साथ जो भ्रष्टाचार और लापरवाही का खेल चल रहा है, वह दिन प्रति दिन खतरनाक होता जा रहा है। यहां घटिया क्वालिटी के माल का प्रयोग कर चकाचक पुल और सड़कें तो बन जाती हैं मगर कुछ ही समय के बाद उनकी असलियत सामने आ जाती हैम चमोली के कर्णप्रयाग में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। यहां ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग 109K पर बादामगढ़ के पास 6 महीने पहले हुआ बना पुल क्षतिग्रस्त होने लगा है। अचंभित करने वाली बात तो यह है कि 6 महीने पहले इसी पुल का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। पुल के निर्माण का जिम्मा सीमा सड़क संगठन को दिया गया था।बता दें कि पुल के बीच में डामर निकल गया है है और पुल का सरिया बाहर आने लगा है। हैरानी की बात तो ये है कि पुल का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद किया था। सीएम धामी भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे। हमेशा की तरह पुल निर्माण के जिम्मेदार लोग पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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दरअसल आज से करीब 6 महीने पहले 28 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअली कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग 109K पर बादामगढ़ के पास नाले के ऊपर बने 45 मीटर लंबे 12 मीटर चौड़े पुल का उद्घाटन किया था। पुल उद्घाटन के कार्यक्रम में सीएम धामी भी मौजूद थे। पुल का निर्माण सीमा सड़क संगठन के कमान अधिकारी गौचर एमके सिंह के नेतृत्व में किया गया था। बीआरओ ने पुल का निर्माण कार्य BCC को दिया था, जोकि BRO का ही एक पार्ट है। लेकिन महज 6 महीने बाद ही पुल निर्माण के नाम पर हुई बेईमानी बाहर आ गई। पुल के बीच से डामर उखड़ने लगा है और सरिया बाहर आ गया है। इससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। रोजाना सैकड़ों वाहन इस पुल से होकर गुजरते हैं। वहीं, इस पूरे मामले पर बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने पुल के गड्ढे को जल्दी से भरने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।