उत्तराखंड उत्तरकाशीAir Force AN-32 aircraft reached Chinyalisaur for the first time

उत्तराखंड में वायुसेना का ‘सुरक्षाचक्र’, पहली बार ग्वालियर से चिन्यालीसौड़ पहुंचा AN-32 एयरक्राफ्ट

पहली बार ग्वालियर एयरबेस से चिन्यालीसौड़ पहुंचा वायु सेना का एएन 32 विमान, लैंडिंग और टेक ऑफ का किया अभ्यास

chinyalisaur an 32 aircraft: Air Force AN-32 aircraft reached Chinyalisaur for the first time
Image: Air Force AN-32 aircraft reached Chinyalisaur for the first time (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है क्योंकि यह चीन की सीमा से लगा हुआ है।

Air Force AN-32 aircraft reached Chinyalisaur

इसलिए यह सेना के लिए खासा महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि वायु सेना इसे अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने की कवायद में लगी हुई है। वहीं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वायुसेना का तीन दिवसीय अभ्यास भी हुआ। बीते शुक्रवार को अभ्यास के पहले दिन वायुसेना के मालवाहक विमान एएन 32 ने लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास किया, जो पहली बार वायुसेना के ग्वालियर एयरबेस से चिन्यालीसौड़ पहुंचा। अंतरराष्ट्रीय चीन सीमा से लगा होने के चलते चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा सेना के लिए खासा महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि वायु सेना इसे अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने की कवायद में लगी हुई है और यहां अभ्यास जारी रखे हुए हैं। आगे पढ़िए

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बीते शुक्रवार को हवाई अड्डे पर वायुसेना के बरेली एयरबेस से हेलीकॉप्टर से दो सदस्यीय कम्युनिकेशन टीम पहुंची और कुछ देर बाद ही ग्वालियर एयरबेस से मालवाहक विमान एनएन 32 लैंडिंग के लिए पहुंचा। एयरक्राफ्ट तीन बार लैंडिंग के साथ टेकऑफ का अभ्यास कर वापस ग्वालियर एयरबेस लौट गया। वायुसेना के एयरक्राफ्ट का यह अभ्यास तीन दिन तक चला। इस अभ्यास के लिए वायुसेना की कम्युनिकेशन टीम चिन्यालीसौड़ में ही ठहरी। बताते चलें कि भारतीय वायुसेना के एएन 32 (ऐंटोनोव एन 32) विमानों को सोवियत संघ से खरीदा गया था। यह विमान वायुसेना के परिवहन के लिहाज से महत्वपूर्ण है और इसकी खास बात यह है कि यह छोटे और अस्थायी रनवे पर भी उतर सकता है। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह किसी भी तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है। भारत के पास वर्तमान में करीब 100 एएन 32 विमान हैं।