उत्तराखंड देहरादूनfraud of 7 lakh rupees in the name of flat in dehradun

देहरादून में फ्लैट के नाम पर आपको न लग जाए लाखों का चूना..अब पायलट से हुई 7 लाख की ठगी

पीड़ित पायलट ने बताया कि उन्होंने एडवांस देकर फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में फ्लैट बुक कराया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला।

dehradun property fraud: fraud of 7 lakh rupees in the name of flat in dehradun
Image: fraud of 7 lakh rupees in the name of flat in dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में जमीन-फ्लैट खरीदते वक्त सावधान रहें।

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यहां फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में पवन हंस के पायलट ने जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार रोड पर फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में एडवांस देकर फ्लैट बुक कराया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला। अब पीड़ित ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर पवनहंस के पायलट कैप्टन मसूद हसन खां ने बताया कि उनके भाई मशरूफ खां राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। मशरूफ खां ने फॉरेस्ट लवाना आवासीय कॉलोनी में फ्लैट बुक किया था। साल 2014 में उन्होंने 6 लाख 60 हजार रुपये जीटीएम बिल्डर्स के खाते में जमा कराए थे। बाद में बाद फ्लैट को कैप्टन मसूद हसन ने अपने भाई मशरूफ से खुद के नाम करवा लिया।

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इसके बाद वो बिल्डर नितिन कपूर से मिले तो उन्होंने बताया कि फ्लैट का काफी निर्माण कार्य हो चुका है। इसलिए बाकी पैसा जमा करने की बात कही और कहा कि फ्लैट जल्द हैंडओवर कर दिया जाएगा। बाद में मसूद हसन निर्माण कार्य स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई निर्माण ही नहीं हुआ है। बिल्डर ने उन्हें साल 2015 में फ्लैट देने की बात कही थी, लेकिन साल 2016 तक भी फ्लैट बनकर तैयार नहीं हुआ। उसके बाद मसूद हसन द्वारा रकम वापस मांगी जानी लगी तो 7 जुलाई 2017 को पैसे वापस किए बिना ही आवंटन रद्द कर दिया गया। पीड़ित ने अब नेहरू कॉलोनी थाने में जीटीएम बिल्डर्स के निदेशक नितिन कपूर सहित शील रानी निवासी मुजफ्फरनगर और दिनेश वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।