उत्तराखंड रुद्रप्रयागSugarcane Farming in Chamoli Rudraprayag Pithoragarh

अब पिथौरागढ़- रुद्रप्रयाग-चमोली के किसानों का होगा जबरदस्त मुनाफा, पहाड़ में उगेगा गन्ना

पिथौरागढ़ में 293 किसानों को 95 क्विंटल बीज उपलब्ध कराते हुए इसकी बुआई शुरू कराई गई है। अब रुद्रप्रयाग और चमोली में भी गन्ने की खेती शुरू कराने की योजना है।

Uttarakhand Sugarcane Farming: Sugarcane Farming in Chamoli Rudraprayag Pithoragarh
Image: Sugarcane Farming in Chamoli Rudraprayag Pithoragarh (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गन्ने की खेती किसानों की जिंदगी में मिठास भरेगी।

Sugarcane Farming in uttarakhand

प्रदेश के कई जिलों में गन्ने की खेती को अच्छा रेस्पांस मिला है। यही वजह है कि अब चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में भी सरकार इसकी खेती पर विचार कर रही है। वर्तमान में देहरादून, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और हरिद्वार में गन्ने की खेती की जा रही है। साथ ही पिथौरागढ़ जिले में 293 किसान इसकी खेती के लिए आगे आए हैं। जिले में 293 किसानों को 95 क्विंटल बीज उपलब्ध कराते हुए इसकी बुआई शुरू कराई गई है। किसानों के उत्साह को देखते हुए रुद्रप्रयाग और चमोली में भी गन्ने की खेती शुरू कराने की योजना है। किसानों की सुविधा के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है। चीनी मीलों में गन्ना लेकर आने वाले किसानों को अब पेयजल, शौचालय एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इस संबंध में अधिकारियों को जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये भी पढ़ें:

ये जानकारी गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेराई सत्र 2022-23 के लिए राज्य में 92 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल है। जिसे वर्ष 2024 में एक लाख एवं वर्ष 2025 में 1.10 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिन घाटी क्षेत्रों में तापमान 28 से 32 डिग्री के बीच रहता है, वहां गन्ने की बुआई के लिए किसानों का प्रस्ताव कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को लिखा गया है। उन्होंने कहा कि सीजन में चीनी मीलों में ब्रेक डाउन नहीं होना चाहिए। ब्रेक डाउन होने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। गन्ना विकास मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को बैठक में ये भी कहा कि जिन गन्ना क्रय केंद्रों से 24 घंटे के भीतर गन्ने का उठान नहीं होता, उन क्रय केंद्रों के संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाए। मीलों को घाटे से उबारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।